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India-China Talks: आज कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की वार्ता

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन का उक्त बयान नयी दिल्ली में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद आया है कि भारत 20 महीने से चले आ रहे विवाद पर दोनों पक्षों के बीच 14वें दौर की सैन्य वार्ता से पहले, पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों में मुद्दे के समाधान के लिए चीन के साथ सार्थक वार्ता होने को लेकर आशान्वित है.

भारत और चीन के बीच 14वें दौर की सैन्य वार्ता आज
भारत और चीन के बीच 14वें दौर की सैन्य वार्ता आज
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Published : Jan 12, 2022, 6:34 AM IST

Updated : Jan 12, 2022, 8:16 AM IST

बीजिंग: चीन ने मंगलवार को कहा कि भारत से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति 'सामान्यत: स्थिर' हैं और उसने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर चर्चा के लिए आज कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की वार्ता होने की पुष्टि की है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन का उक्त बयान नयी दिल्ली में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद आया है कि भारत 20 महीने से चले आ रहे विवाद पर दोनों पक्षों के बीच 14वें दौर की सैन्य वार्ता से पहले, पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों में मुद्दे के समाधान के लिए चीन के साथ सार्थक वार्ता होने को लेकर आशान्वित है.

यह पूछे जाने पर कि क्या चीन बैठक और इससे जुड़ी उम्मीदों की पुष्टि कर सकता है, वांग ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, जैसा कि दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी है, चीन और भारत 12 जनवरी को चीन की ओर माल्दो बैठक स्थल पर 14वें दौर की कमांडर स्तरीय वार्ता करेंगे. उन्होंने कहा, इस वक्त, चीन-भारत सीमा पर स्थिति सामान्यत: स्थिर हैं. वांग ने कहा, दोनों पक्ष राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों से संवाद कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि भारत, चीन के साथ काम करेगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में आपात प्रतिक्रिया से सामान्यीकृत प्रबंधन एवं नियंत्रण की ओर बढ़ेगा.

नयी दिल्ली स्थित सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन के बीच 'वरिष्ठ उच्चतम सैन्य कमांडर स्तरीय' वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर चुशुल-मोल्दो में 12 जनवरी को होगी. उन्होंने बताया कि वार्ता का मुख्य केंद्र बिंदु हॉट स्प्रिंग इलाके में सैनिकों को पीछे हटाना होगा. यह उम्मीद की जा रही है कि भारत देपसांग बल्ग और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित टकराव वाले सभी शेष स्थानों पर यथाशीघ्र सैनिकों को पीछे हटाने के लिए जोर देगा.

उल्लेखनीय है कि 13वें दौर की सैन्य वार्ता 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी और गतिरोध दूर नहीं कर पाई थी. भारत और चीन पिछले साल 18 नवंबर को अपनी डिजिटल राजनयिक वार्ता में शीघ्र ही 14 वें दौर की सैन्य वार्ता करने को सहमत हुए थे ताकि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पूर्ण रूप से पीछे हटाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. पैंगोंग झील इलाके में पांच मई 2020 को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध पैदा हुआ था.

पढ़ें: LAC पर तनाव के बीच भारत और चीन के बीच रडार 'रेस'

सिलसिलेवार सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के परिणामस्वरूप पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों तथा गोगरा इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया दोनों पक्षों ने पिछले साल पूरी की थी. वास्तविक नियंत्रण रेखा के संवेदनशील क्षेत्रों में वर्तमान में दोनों में से प्रत्येक देश के करीब 50,000 से 60,000 सैनिक हैं.

बीजिंग: चीन ने मंगलवार को कहा कि भारत से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति 'सामान्यत: स्थिर' हैं और उसने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर चर्चा के लिए आज कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की वार्ता होने की पुष्टि की है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन का उक्त बयान नयी दिल्ली में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद आया है कि भारत 20 महीने से चले आ रहे विवाद पर दोनों पक्षों के बीच 14वें दौर की सैन्य वार्ता से पहले, पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों में मुद्दे के समाधान के लिए चीन के साथ सार्थक वार्ता होने को लेकर आशान्वित है.

यह पूछे जाने पर कि क्या चीन बैठक और इससे जुड़ी उम्मीदों की पुष्टि कर सकता है, वांग ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, जैसा कि दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी है, चीन और भारत 12 जनवरी को चीन की ओर माल्दो बैठक स्थल पर 14वें दौर की कमांडर स्तरीय वार्ता करेंगे. उन्होंने कहा, इस वक्त, चीन-भारत सीमा पर स्थिति सामान्यत: स्थिर हैं. वांग ने कहा, दोनों पक्ष राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों से संवाद कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि भारत, चीन के साथ काम करेगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में आपात प्रतिक्रिया से सामान्यीकृत प्रबंधन एवं नियंत्रण की ओर बढ़ेगा.

नयी दिल्ली स्थित सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन के बीच 'वरिष्ठ उच्चतम सैन्य कमांडर स्तरीय' वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर चुशुल-मोल्दो में 12 जनवरी को होगी. उन्होंने बताया कि वार्ता का मुख्य केंद्र बिंदु हॉट स्प्रिंग इलाके में सैनिकों को पीछे हटाना होगा. यह उम्मीद की जा रही है कि भारत देपसांग बल्ग और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित टकराव वाले सभी शेष स्थानों पर यथाशीघ्र सैनिकों को पीछे हटाने के लिए जोर देगा.

उल्लेखनीय है कि 13वें दौर की सैन्य वार्ता 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी और गतिरोध दूर नहीं कर पाई थी. भारत और चीन पिछले साल 18 नवंबर को अपनी डिजिटल राजनयिक वार्ता में शीघ्र ही 14 वें दौर की सैन्य वार्ता करने को सहमत हुए थे ताकि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पूर्ण रूप से पीछे हटाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. पैंगोंग झील इलाके में पांच मई 2020 को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध पैदा हुआ था.

पढ़ें: LAC पर तनाव के बीच भारत और चीन के बीच रडार 'रेस'

सिलसिलेवार सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के परिणामस्वरूप पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों तथा गोगरा इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया दोनों पक्षों ने पिछले साल पूरी की थी. वास्तविक नियंत्रण रेखा के संवेदनशील क्षेत्रों में वर्तमान में दोनों में से प्रत्येक देश के करीब 50,000 से 60,000 सैनिक हैं.

Last Updated : Jan 12, 2022, 8:16 AM IST

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