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उत्तराखंड में सड़क हादसों में 20 घंटे के भीतर 14 लोगों की गई जान, कहीं टुकड़ों में मिले शव

Road Accidents in Uttarakhand उत्तराखंड हर साल हादसों का काला अध्याय लिख रहा है. सड़क हादसों में हर साल सैकड़ों लोगों की जानें जा रही हैं. जबकि, हजारों लोग घायल हो रहे हैं. इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि उत्तराखंड में 20 घंटे के भीतर 14 लोगों की जान चली गई. घायलों की संख्या भी काफी ज्यादा है. जानिए कहां हुए बड़े हादसे...

Road Accident in Uttarakhand
उत्तराखंड सड़क हादसे
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 9, 2023, 7:21 PM IST

Updated : Oct 9, 2023, 11:04 PM IST

देहरादून (उत्तराखंड): पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में आज फिर से एक बस के ब्रेक फेल होने से एक बड़ा हादसा टल गया. जहां बस में सवार लोगों की जान बचाने में ड्राइवर की अहम भूमिका रही. बताया जा रहा है कि बस जैसे ही मोड़ पर पहुंची, ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया. ऐसे में ड्राइवर ने सूझबूझ दिखाते हुए बस को पहाड़ से टकरा दिया. गनीमत रही कि सभी की जान बच गई, लेकिन उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बीते 24 घंटे के भीतर 5 से ज्यादा बड़े सड़क हादसे हुए. जिसमें दर्जन भर लोगों की जान चली गई. जबकि, कई लोग घायल भी हुए.

पिथौरागढ़ में चट्टान गिरने से 7 लोग जिंदा दबे, सोमवार को मिले शवों के टुकड़ेः बीती 8 अक्टूबर यानी रविवार को दोपहर करीब 2 बजे पिथौरागढ़ के धारचूला लिपुलेख मार्ग पर चट्टान दरक गई. जिससे नीचे से गुजर रहा वाहन चपेट में आ गया. हादसा इतना भयानक था कि वाहन में सवाल 7 लोगों को बचने का मौका तक नहीं मिला. सभी के सभी मलबे के नीचे जिंदा दफन हो गए. करीब 20 घंटे के बाद 7 लोगों के शवों को निकाला जा सका, लेकिन उनकी हालत इतनी खराब है कि किसी को भी पहचानना मुश्किल है.

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पिथौरागढ़ में चट्टान गिरने से 7 लोग जिंदा दबे

हादसा इतना भयानक था कि चट्टान में दबी गाड़ी का भी कबाड़ा बन गया. इस घटना के बाद तत्काल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और सेना ने बचाव और राहत कार्य चलाया, लेकिन चट्टान इतनी बड़ी थी कि उसे हटाने में ही 20 घंटे लग गए. तब तक चट्टान में दबे लोगों का बचना मुश्किल था. बताया जा रहा है कि मृतकों में एक रिटायर टीचर, महिला, दो नेपाली मूल के मजदूर और 3 बच्चे शामिल हैं.
ये भी पढ़ेंः पिथौरागढ़ हादसे के 20 घंटे बाद हटाई जा सकी चट्टान, मलबे में मिले 7 शव, नहीं हो सकी पहचान

ये भी बताया जा रहा है कि मरने वालों में सगी बहनें भी शामिल हैं. पिथौरागढ़ एसपी लोकेश्वर सिंह की मानें तो जिस जगह पर यह हादसा हुआ है, उस जगह पर लंबे समय से भूस्खलन हो रहा है. ऐसे 5 डेंजर पॉइंट हैं, जहां पर ऐसी घटनाएं सामने आ रही है. लिहाजा, तमाम एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि जिस वक्त गाड़ियां गुजरती है, उस वक्त अगर पत्थर गिरने की छोटी सी भी घटना हो रही है तो ट्रैफिक को रोका जाए.

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नैनीताल बस हादसे में 7 लोगों की जान गई

नैनीताल बस हादसे में हरियाणा के 7 लोगों की मौतः ऐसा ही एक और बड़ा हादसा कुमाऊं के नैनीताल में देखने को मिला. जहां हरियाणा से नैनीताल घूमने आए शिक्षकों की बस कालाढूंगी रोड पर खाई में जा गिरी. हादसा शाम के समय करीब 6 बजे हुआ. जहां ड्राइवर ने बस से नियंत्रण खो दिया और हादसे का शिकार हो गई. हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पहुंची, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.
ये भी पढ़ेंः नैनीताल बस हादसे में 26 घायलों में 2 की हालत गंभीर, बस में सवार टीचर ने बताया कैसे हुआ हादसा?

हालांकि, रात के अंधेरे में चले रेस्क्यू ऑपरेशन में 26 घायल लोगों को बचा लिया गया, लेकिन इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई. हरियाणा के जिन लोगों की मौत हुई हैं, उनमें से हरियाणा के हिसार निवासी मनमीत (उम्र 7 वर्ष), बस चालक रामेश्वर (उम्र 50 वर्ष), शिक्षिका पुष्पा (उम्र 27 वर्ष), ज्योति (उम्र 22 वर्ष), पूनम (उम्र 25 वर्ष), संगीता (उम्र 35 वर्ष) और शिक्षक रवींद्र (उम्र 38 वर्ष) शामिल हैं.

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गंगोलीहाट में बस हादसा

रविवार को हादसों का सिलसिला यहां पर नहीं थमा. हरिद्वार, उधम सिंह नगर और रुड़की में भी छोटे बड़े एक्सीडेंट में 4 लोग घायल हुए. रविवार से लेकर सोमवार सुबह तक अकेले कुमाऊं में ही 14 लोगों की मौत हुई. जबकि, 36 लोग घायल हो चुके हैं. सोमवार को एक बड़ा हादसा गंगोलीहाट में देखने को मिला. जहां रोडवेज के बस के ब्रेक फेल हो गए. इस बस में भी 15 लोग सवार थे.

देहरादून (उत्तराखंड): पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में आज फिर से एक बस के ब्रेक फेल होने से एक बड़ा हादसा टल गया. जहां बस में सवार लोगों की जान बचाने में ड्राइवर की अहम भूमिका रही. बताया जा रहा है कि बस जैसे ही मोड़ पर पहुंची, ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया. ऐसे में ड्राइवर ने सूझबूझ दिखाते हुए बस को पहाड़ से टकरा दिया. गनीमत रही कि सभी की जान बच गई, लेकिन उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बीते 24 घंटे के भीतर 5 से ज्यादा बड़े सड़क हादसे हुए. जिसमें दर्जन भर लोगों की जान चली गई. जबकि, कई लोग घायल भी हुए.

पिथौरागढ़ में चट्टान गिरने से 7 लोग जिंदा दबे, सोमवार को मिले शवों के टुकड़ेः बीती 8 अक्टूबर यानी रविवार को दोपहर करीब 2 बजे पिथौरागढ़ के धारचूला लिपुलेख मार्ग पर चट्टान दरक गई. जिससे नीचे से गुजर रहा वाहन चपेट में आ गया. हादसा इतना भयानक था कि वाहन में सवाल 7 लोगों को बचने का मौका तक नहीं मिला. सभी के सभी मलबे के नीचे जिंदा दफन हो गए. करीब 20 घंटे के बाद 7 लोगों के शवों को निकाला जा सका, लेकिन उनकी हालत इतनी खराब है कि किसी को भी पहचानना मुश्किल है.

Road Accident in Uttarakhand
पिथौरागढ़ में चट्टान गिरने से 7 लोग जिंदा दबे

हादसा इतना भयानक था कि चट्टान में दबी गाड़ी का भी कबाड़ा बन गया. इस घटना के बाद तत्काल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और सेना ने बचाव और राहत कार्य चलाया, लेकिन चट्टान इतनी बड़ी थी कि उसे हटाने में ही 20 घंटे लग गए. तब तक चट्टान में दबे लोगों का बचना मुश्किल था. बताया जा रहा है कि मृतकों में एक रिटायर टीचर, महिला, दो नेपाली मूल के मजदूर और 3 बच्चे शामिल हैं.
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ये भी बताया जा रहा है कि मरने वालों में सगी बहनें भी शामिल हैं. पिथौरागढ़ एसपी लोकेश्वर सिंह की मानें तो जिस जगह पर यह हादसा हुआ है, उस जगह पर लंबे समय से भूस्खलन हो रहा है. ऐसे 5 डेंजर पॉइंट हैं, जहां पर ऐसी घटनाएं सामने आ रही है. लिहाजा, तमाम एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि जिस वक्त गाड़ियां गुजरती है, उस वक्त अगर पत्थर गिरने की छोटी सी भी घटना हो रही है तो ट्रैफिक को रोका जाए.

Road Accident in Uttarakhand
नैनीताल बस हादसे में 7 लोगों की जान गई

नैनीताल बस हादसे में हरियाणा के 7 लोगों की मौतः ऐसा ही एक और बड़ा हादसा कुमाऊं के नैनीताल में देखने को मिला. जहां हरियाणा से नैनीताल घूमने आए शिक्षकों की बस कालाढूंगी रोड पर खाई में जा गिरी. हादसा शाम के समय करीब 6 बजे हुआ. जहां ड्राइवर ने बस से नियंत्रण खो दिया और हादसे का शिकार हो गई. हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पहुंची, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.
ये भी पढ़ेंः नैनीताल बस हादसे में 26 घायलों में 2 की हालत गंभीर, बस में सवार टीचर ने बताया कैसे हुआ हादसा?

हालांकि, रात के अंधेरे में चले रेस्क्यू ऑपरेशन में 26 घायल लोगों को बचा लिया गया, लेकिन इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई. हरियाणा के जिन लोगों की मौत हुई हैं, उनमें से हरियाणा के हिसार निवासी मनमीत (उम्र 7 वर्ष), बस चालक रामेश्वर (उम्र 50 वर्ष), शिक्षिका पुष्पा (उम्र 27 वर्ष), ज्योति (उम्र 22 वर्ष), पूनम (उम्र 25 वर्ष), संगीता (उम्र 35 वर्ष) और शिक्षक रवींद्र (उम्र 38 वर्ष) शामिल हैं.

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गंगोलीहाट में बस हादसा

रविवार को हादसों का सिलसिला यहां पर नहीं थमा. हरिद्वार, उधम सिंह नगर और रुड़की में भी छोटे बड़े एक्सीडेंट में 4 लोग घायल हुए. रविवार से लेकर सोमवार सुबह तक अकेले कुमाऊं में ही 14 लोगों की मौत हुई. जबकि, 36 लोग घायल हो चुके हैं. सोमवार को एक बड़ा हादसा गंगोलीहाट में देखने को मिला. जहां रोडवेज के बस के ब्रेक फेल हो गए. इस बस में भी 15 लोग सवार थे.

Last Updated : Oct 9, 2023, 11:04 PM IST
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