कन्नूर: केरल पुलिस ने नवकेरल सदासु के दौरान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ काले झंडे दिखाकर प्रदर्शन करने वाले युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पिटाई की घटना पर मामला दर्ज किया है. इस संबंध में पझायंगडी पुलिस ने 14 सीपीएम और डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एफआईआर के मुताबिक युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सिर पर हेलमेट, गमले और लोहे की रॉड से पीटा गया.
कन्नूर डीसीसी अध्यक्ष मार्टिन जॉर्ज ने आरोप लगाया कि युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला योजनाबद्ध था. उन्होंने कहा कि वायरलेस सेट से युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पीटने वाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सोमवार को सीपीएम-डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पर काले झंडे लहराने वाले आईवाईसी प्रदर्शनकारियों की पिटाई की. वहीं बेरहमी से की गई पिटाई का फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
कल्यास्सेरी निर्वाचन क्षेत्र के पझायंगडी के पास एरीपुरम के पास युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीएम को काला झंडा दिखाया. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व युवा कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष महिता मोहन और सुधीश वेल्लाचल ने किया. काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन तब किया गया जब मुख्यमंत्री मदायी में एक कार्यक्रम से लौट रहे थे. प्रदर्शकारियों को जब पुलिस प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाने की कोशिश कर रही थी तभी वहां पर पहुंचे डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की.
इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शनकारियों को हेलमेट से मारने और उन्हें लात मारकर जमीन पर गिराने के घटना वायरल हो गई. इसी दौरान डीवाईएफआई के और कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गाड़ियों में तोड़फोड़ की. इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पझायंगडी में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर डीवाईएफआई कार्यकर्ता के हमले को उचित ठहराया. उन्होंने कहा कि डीवाईएफआई का कार्य अनुकरणीय है.
सीएम ने कहा कि डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं ने बस के सामने कूदने वाले युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बचाने की कोशिश की. जब दो लोग इस तरह कूदे कि उनकी जान खतरे में पड़ गई तो डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं ने उन्हें जबरन वहां से हटा दिया. यह कोई हमला नहीं है. मैंने इसे बस की अगली पंक्ति से देखा. यह जीवन बचाने का एक प्रयास है. हालांकि काले झंडे दिखाने की घटना के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
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