नई दिल्ली : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि रेलवे में विगत पांच साल में सिग्नल फेल होने के 13 मामले सामने आए हैं, लेकिन इंटरलॉकिंग सिग्नल प्रणाली में खराबी के कारण कोई घटना नहीं हुई. रेल मंत्री वैष्णव ने दो जून को ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना को लेकर विभिन्न सदस्यों के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बालासोर दुर्घटना में 295 यात्रियों की जान चली गई और 176 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
उन्होंने कहा, 'सिग्नल सर्किट-ऑल्टरेशन में चूक के कारण और इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के प्रतिस्थापन से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के निष्पादन के दौरान पीछे से टक्कर हुई थी. इन खामियों के कारण ट्रेन संख्या 12841 को गलत सिग्नल दिया गया...' मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'पिछले पांच साल में, इंटरलॉकिंग सिग्नल प्रणाली में खराबी के कारण कोई घटना नहीं हुई है... किसी भी विशेषज्ञ ने रेलवे की इंटरलॉकिंग सिग्नल प्रणाली में कोई खामी नहीं बताई है.'
उन्होंने एक अलग प्रश्न के उत्तर में कहा, 'पिछले पांच साल में, सिग्नलिंग विफलताओं की कुल संख्या 13 है.' उन्होंने सदन को सूचित किया कि बालासोर दुर्घटना में मारे गए 41 लोगों के अवशेषों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि अज्ञात यात्रियों के शव एम्स, भुवनेश्वर में चिकित्सकीय रूप से निर्धारित तरीके से रखा गए हैं और उनके डीएनए नमूने लिए गए हैं. वैष्णव ने बताया कि 16 जुलाई तक, प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख रुपये और मामूली चोट पर प्रत्येक यात्री को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि के रूप में 29.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. उन्होंने कहा कि 13 जुलाई तक रेलवे दावा न्यायाधिकरण की विभिन्न पीठों में 258 दावे प्राप्त हुए हैं जिनमें से 51 दावों का निपटारा कर दिया गया है.
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(पीटीआई-भाषा)