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World Crocodile Day : बगहा में एक के बाद एक 125 घड़ियाल के बच्चे निकले अंडे से बाहर, रोमांचित कर रहा VIDEO

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Published : Jun 17, 2023, 2:18 PM IST

Updated : Jun 17, 2023, 4:10 PM IST

17 जून को वर्ल्ड क्रोकोडाइल डे के मौके पर बिहार के बगहा से नन्हे घड़ियालों का रोमांचित करने वाला वीडियो सामने आया है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास से बहनी वाली गंडक नदी में 125 नन्हे घड़ियालों को अंडे से निकालने के बाद सुरक्षित गंडक नदी में छोड़ा गया है. घड़ियालों का अंडे से बाहर निकलने का क्यूट वीडियो लोगों को खूब पसंद आ रहा है.

gharial babies safely released into Gandak river
gharial babies safely released into Gandak river
घड़ियाल के बच्चों को गंडक नदी में छोड़ा गया

बगहा: वन एवं पर्यावरण विभाग, बिहार सरकार और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया समेत कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स जू की कवायद रंग लाई है. पश्चिम चंपारण जिले की सीमा में बहने वाली गंडक नदी के तट पर 125 घड़ियालों ने अपनी आंखें खोली हैं. दरअसल इस वर्ष 2023 में गंडक नदी किनारे घड़ियालों के 9 घोंसले मिले थे, जिनसे 125 बच्चों का जन्म हुआ और सभी को सुरक्षित गंडक नदी में छोड़ा गया है.

पढ़ें-Bagaha News: खेत की सिंचाई कर रहा था किसान, तभी मगरमच्छ ने कर दिया हमला.. बड़ी मुश्किल से बची जान

गंडक नदी में छोड़े गए 125 घड़ियाल के बच्चे: बता दें कि वन एवं पर्यावरण विभाग, वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया और कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स जू के सहयोग से गंडक नदी में घड़ियाल के 125 बच्चों का सुरक्षित हैचिंग कराया गया है. वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ के अधिकारी सुब्रत के बहेरा ने बताया कि गंडक नदी किनारे नौ जगहों पर घड़ियाल के अंडे पाए गए, जिसमें 8 स्थानों पर बिहार में अंडे मिले और एक यूपी के कुशीनगर क्षेत्र में. जिसके बाद किसानों के सहयोग से उसका संरक्षण किया गया.

वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अधिकारी घड़ियाल के बच्चे का साथ
वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अधिकारी घड़ियाल के बच्चे का साथ

"इन सभी नौ जगहों से मिले अंडों को मछुआरों और किसानों की सहायता से हैचिंग कराया गया, जिसमें 125 घड़ियाल के बच्चों ने जन्म लिया. उन्हें गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया है. अति संकटग्रस्त घड़ियालों के अंडों को बाढ़ व कटाव से बचाने समेत जंगली जानवरों से सुरक्षित करने में किसान और मछुआरों ने काफी सहयोग किया."- सुब्रत के बहेरा, अधिकारी, वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया

घड़ियालों को संरक्षण और संवर्धन की मुहिम लाई रंग: बता दें की विगत पांच- छः वर्षों से वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट और वन एवं पर्यावरण विभाग घड़ियालों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर काफी सजग हुआ है. प्रत्येक वर्ष अंडों के जगह को चिह्नित कर उनका संरक्षण किया जाता है और फिर हैचिंग कराई जाती है. ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में नवजात घड़ियालों ने जन्म लिया.

gharial babies safely released int125 घड़ियाल के बच्चों का गंडक नदी तट जन्म.. पहली बार पानी का ले रहे मजाo Gandak river
125 घड़ियाल के बच्चों का गंडक नदी तट पर जन्म.. पहली बार पानी का ले रहे मजा

विलुप्त हो चुके डायनासोर प्रजाति के घड़ियाल: खास बात यह है कि ये घड़ियाल विलुप्त हो चुके डायनासोर प्रजाति के हैं. घड़ियाल देश दुनिया से विलुप्त होने की कगार पर खड़े हैं. ऐसे में गंडक नदी में इनकी अच्छी संख्या होना एक सुखद खबर है.

घड़ियालों की संख्या के मामले में गंडक नदी का दूसरा स्थान: गौरतलब है कि 2016 में भारतीय प्रजाति के घड़ियालों का सर्वे हुआ था, जिसमें गंडक नदी में केवल एक दर्जन ही घड़ियाल मिले थे. जबकि अब इनकी संख्या तकरीबन 500 के आसपास हो गई है. तभी इनके बढ़ती संख्या को देखते हुए संवर्धन (पालन-पोषण ) के लिए सरकार ने कई प्रयास किए हैं. ऐसे में संख्या के लिहाज से देखा जाए तो भारत में चंबल नदी के बाद सबसे ज्यादा घड़ियालों की संख्या गंडक नदी में ही है.

घड़ियाल के बच्चों को गंडक नदी में छोड़ा गया

बगहा: वन एवं पर्यावरण विभाग, बिहार सरकार और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया समेत कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स जू की कवायद रंग लाई है. पश्चिम चंपारण जिले की सीमा में बहने वाली गंडक नदी के तट पर 125 घड़ियालों ने अपनी आंखें खोली हैं. दरअसल इस वर्ष 2023 में गंडक नदी किनारे घड़ियालों के 9 घोंसले मिले थे, जिनसे 125 बच्चों का जन्म हुआ और सभी को सुरक्षित गंडक नदी में छोड़ा गया है.

पढ़ें-Bagaha News: खेत की सिंचाई कर रहा था किसान, तभी मगरमच्छ ने कर दिया हमला.. बड़ी मुश्किल से बची जान

गंडक नदी में छोड़े गए 125 घड़ियाल के बच्चे: बता दें कि वन एवं पर्यावरण विभाग, वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया और कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स जू के सहयोग से गंडक नदी में घड़ियाल के 125 बच्चों का सुरक्षित हैचिंग कराया गया है. वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ के अधिकारी सुब्रत के बहेरा ने बताया कि गंडक नदी किनारे नौ जगहों पर घड़ियाल के अंडे पाए गए, जिसमें 8 स्थानों पर बिहार में अंडे मिले और एक यूपी के कुशीनगर क्षेत्र में. जिसके बाद किसानों के सहयोग से उसका संरक्षण किया गया.

वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अधिकारी घड़ियाल के बच्चे का साथ
वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अधिकारी घड़ियाल के बच्चे का साथ

"इन सभी नौ जगहों से मिले अंडों को मछुआरों और किसानों की सहायता से हैचिंग कराया गया, जिसमें 125 घड़ियाल के बच्चों ने जन्म लिया. उन्हें गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया है. अति संकटग्रस्त घड़ियालों के अंडों को बाढ़ व कटाव से बचाने समेत जंगली जानवरों से सुरक्षित करने में किसान और मछुआरों ने काफी सहयोग किया."- सुब्रत के बहेरा, अधिकारी, वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया

घड़ियालों को संरक्षण और संवर्धन की मुहिम लाई रंग: बता दें की विगत पांच- छः वर्षों से वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट और वन एवं पर्यावरण विभाग घड़ियालों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर काफी सजग हुआ है. प्रत्येक वर्ष अंडों के जगह को चिह्नित कर उनका संरक्षण किया जाता है और फिर हैचिंग कराई जाती है. ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में नवजात घड़ियालों ने जन्म लिया.

gharial babies safely released int125 घड़ियाल के बच्चों का गंडक नदी तट जन्म.. पहली बार पानी का ले रहे मजाo Gandak river
125 घड़ियाल के बच्चों का गंडक नदी तट पर जन्म.. पहली बार पानी का ले रहे मजा

विलुप्त हो चुके डायनासोर प्रजाति के घड़ियाल: खास बात यह है कि ये घड़ियाल विलुप्त हो चुके डायनासोर प्रजाति के हैं. घड़ियाल देश दुनिया से विलुप्त होने की कगार पर खड़े हैं. ऐसे में गंडक नदी में इनकी अच्छी संख्या होना एक सुखद खबर है.

घड़ियालों की संख्या के मामले में गंडक नदी का दूसरा स्थान: गौरतलब है कि 2016 में भारतीय प्रजाति के घड़ियालों का सर्वे हुआ था, जिसमें गंडक नदी में केवल एक दर्जन ही घड़ियाल मिले थे. जबकि अब इनकी संख्या तकरीबन 500 के आसपास हो गई है. तभी इनके बढ़ती संख्या को देखते हुए संवर्धन (पालन-पोषण ) के लिए सरकार ने कई प्रयास किए हैं. ऐसे में संख्या के लिहाज से देखा जाए तो भारत में चंबल नदी के बाद सबसे ज्यादा घड़ियालों की संख्या गंडक नदी में ही है.

Last Updated : Jun 17, 2023, 4:10 PM IST
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