विशाखापट्टनम: आंध्र प्रदेश के किंग जॉर्ज अस्पताल (केजीएच) में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है. अस्पताल में इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई थी, जिसके बाद माता-पिता ने अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस के लिए कई बार मिन्नतें कीं, लेकिन केजीएच स्टाफ ने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद माता-पिता ने बच्चे के शव के साथ करीब 120 किमी. दूरी का सफर स्कूटी से तय करने का फैसला किया.
बता दें, अल्लुरी जिले के कुमाड़ा की एक गर्भवती महिला ने दो फरवरी को पडेरू अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया. डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा सांस से संबंधित बीमारी से पीड़ित है और बेहतर चिकित्सा सहायता के लिए उसे विशाखापत्तनम के केजीएच रेफर किया जा रहा है. इसी बीच विशाखा केजीएच में इलाज करा रहे बच्चे की गुरुवार सुबह सवा सात बजे मौत हो गई.
जब माता-पिता ने बच्चे का शव लेने के लिए केजीएच के आईटीडीए सेल से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि एंबुलेंस नहीं है. दो घंटे इंतजार कर चुके माता-पिता दोपहिया वाहन से अपने गांव के लिए रवाना हो गए. माता-पिता का आरोप है कि केजीएच स्टाफ की लापरवाही के कारण उन्होंने अपने बच्चे को खो दिया.
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वहीं, केजीएच अधीक्षक डॉ अशोक का कहना है कि एंबुलेंस नहीं देने का आरोप गलत है. सुबह 7.50 बजे बच्चे की मौत हुई तो हमने 9.15 बजे एंबुलेंस की व्यवस्था की. सुबह 8 बजकर 57 मिनट पर परिजन मृत बच्चे को लेकर चले गए. इसलिए हमने आईटीडीए पीओ को पडेरू में एंबुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. हमने केजीएच की ओर से बिना किसी त्रुटि के सभी व्यवस्थाएं की हैं. हम घटना की जांच कर रहे हैं.