कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) : कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन समारोह में 12 देशों के राजनयिक शामिल हुए. साथ ही अभिधम्म दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया. कार्यक्रम में मंगोलिया, म्यांमार, वियतनाम, कंबोडिया, थाईलैंड, लाओ पीडीआर, श्रीलंका, भूटान, कोरिया गणराज्य, नेपाल, जापान और सिंगापुर के राजनयिक मौजूद थे. श्रीलंका के कैबिनेट मंत्री नमल राजपक्षे ने भारत और श्रीलंका के रिश्ते पर अपनी खुलकर राय रखी.
उन्होंने कहा कि श्रीलंका को भारत से मिले सबसे बड़े उपहारों में से एक बुद्ध धर्म है. हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म सह-अस्तित्व में हैं, जो साथ रहते हुए एक दूसरे का विकास करते हैं. यह गहरा रिश्ता भारत और श्रीलंका को और मजबूत करेगा. नमल राजपक्षे ने दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंधों को मजबूत करने के लिए श्रीलंका को दिए गए 15 मिलियन डॉलर अनुदान के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद भी दिया.
श्रीलंका खेल मंत्री नमल राजपक्षे ने कहा कि कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पीएम मोदी का भविष्य की ओर इशारा है. इससे बौद्ध धर्म मानने वाले देशों को सीधा फायदा होगा. उन्होंने श्रीलंकाई एयरलाइंस को कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय वाहक बनने के लिए आमंत्रित करने पर धन्यवाद दिया. साथ ही श्रीलंका के कैबिनेट मंत्री नमल राजपक्षे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवद गीता का सिंहली संस्करण भेंट किया. इसमें श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का संदेश भी दर्ज है.
इसे भी पढ़ें- पीएम ने किया कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन, बोले- भारत बौद्ध समाज की आस्था का केंद्र
कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन पर भारत में थाईलैंड के राजदूत पट्टारत होंगटोंग ने कहा कि थाईलैंड में लोग आमतौर पर बौद्ध सर्किट को पूरा करने के लिए भारत आना पसंद करते हैं. कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा थाईलैंड और भारत के बीच पर्यटन को बढ़ावा देगा.
जापानी दूतावास के डिप्टी चीफ मिशन ने कहा कि आशा है कि कुशीनगर एयरपोर्ट भारत और अन्य देशों के बीच पर्यटन में मदद करेगा. भारत-जापान के गहरे सांस्कृतिक संबंध हैं. उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म भारत से जापान आया था. उम्मीद है कि यह भारत और जापान के सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा.
नेपाल से आए राजनयिक आनंद प्रसाद शर्मा ने कहा कि कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का खुलना बहुत उत्साहजनक है. खासकर बौद्ध भक्तों के लिए जो नेपाल से कुशीनगर और लुंबिनी की यात्रा करना चाहते हैं. यह अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और बौद्ध भक्तों को बौद्ध तीर्थ स्थलों पर जाने की सुविधा प्रदान करेगा.