जगदलपुर : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी (Communist Party of India Maoist) के केंद्रीय मिलिट्री कमीशन ने हाल ही में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. इसके माध्यम से नक्सलियों ने पिछले 10 महीने में संगठन को हुए नुकसान का लेखा-जोखा बताया है. दरअसल, नक्सलियों ने PLGA के 21वीं वर्षगांठ के मौके पर यह विज्ञप्ति जारी की है. 10 पन्नों की विज्ञप्ति में नक्सलियों ने साल 2020 के दिसंबर माह से साल 2021 सितंबर माह तक नक्सली संगठन में हुए नुकसान का भी आंकड़ा पेश किया है.
दस महीने देशभर में मारे गए 116 नक्सली
देशभर में बीते दस महीने के अंदर 116 नक्सली मारे गए हैं. इनमें 4 केंद्रीय कमेटी (Central Committee of Naxalites) के सदस्य समेत 34 महिला नक्सली भी शामिल हैं. इनमें कई हार्डकोर नक्सली (Hardcore Naxalite) गंभीर बीमारी की वजह से दम तोड़ चुके हैं. तो कई नक्सलियों को एनकाउंटर में पुलिस ने मार गिराया है. इन 116 में से कुछ बड़े नक्सलियों का विवरण भी अपने प्रेस नोट के माध्यम से नक्सलियों ने दिया है. वहीं 9 नक्सलियों का विवरण नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के पास भी नहीं है. नक्सलियों ने भी माना है कि पिछले 1 साल में उन्हें काफी नुकसान पहुंचा है. कई बड़े नक्सली कमांडर को खोने के साथ ही सैकड़ों नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. वहीं कई नक्सलियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली है.
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बस्तर संभाग में मारे गए सबसे अधिक नक्सली
इसमें बताया गया है कि मारे गए 116 नक्सलियों में से सबसे अधिक नक्सली दंडकारण्य मतलब बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा इलाके के थे. कुल 78 नक्सलियों की मारे जाने की पुष्टि संगठन ने की है. इसके अलावा बिहार-झारखंड के 10, आंध्र-ओडिशा बॉर्डर के 12, तेलंगाना के 6, ओडिशा के 4 और MMC के 7 नक्सलियों की मौत हुई है. इनमें से 10 जोनल कमेटी (ZC), डिविजनल कमेटी मेंबर (DVC) शामिल हैं. इनमें 3 सब DVC, 24 एरिया कमेटी और PPC मेंबर हैं. जबकि 36 PLGA, 8 स्थानीय जनसंगठन और मिलिशया सदस्य समेत 22 पार्टी समर्थक थे.
मारे गए नक्सलियों में कई बड़े नेता, तो कई पर थे लाखों के इनाम
इधर, नक्सलियों ने मारे गए बड़े नेताओं की सूची भी जारी की है. इनमें सेंट्रल कमेटी के पूर्णेन्दु शेखर मुखर्जी, अक्कीराजू, नरेंद्र सिंह उर्फ चिंतन दा, यापा नारायण उर्फ हरिभूषण समेत बुदेश्वर और कट्टी मोहन राव भी शामिल हैं. ये सभी नक्सली कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में इन पर लाखों रुपये के इनाम भी घोषित थे. हालांकि इनमें ज्यादातर नक्सलियों ने बीमारी की वजह से दम तोड़ा है. वहीं जारी इस विज्ञप्ति के माध्यम से एक बार फिर नक्सलियों ने पुलिस को चुनौती दी है. नक्सलियों ने अपने प्रेस नोट में PLGA की 21वीं वर्षगांठ पर पुलिस को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना एवं उनके हथियार लूटने के साथ ही ग्रामीण युवक-युवतियों को अपने संगठन में शामिल करने जैसी बातें लिखी हैं.