वर्धा: महाराष्ट्र के वर्धा जिले के कदम अस्पताल परिसर में बुधवार को भ्रूणों की कम से कम 11 खोपड़ी और 54 हड्डियां मिली हैं. अवैध गर्भपात के एक मामले की जांच करने अस्पताल पहुंची पुलिस को ये भ्रूणों के अवशेष मिले हैं. एक अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने बुधवार को आर्वी तहसील के कदम अस्पताल के परिसर में स्थित बायोगैस संयंत्र की तलाशी ली. इस दौरान भ्रूणों की 11 खोपड़ी और 54 हड्डियां मिलीं, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है.
उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि बरामद हड्डियों और खोपड़ियों को कानूनी रूप से या अवैध रूप से निपटाया गया. इसी बीच महाराष्ट्र पुलिस ने निजी अस्पताल की निदेशक डॉ. रेखा नीरज कदम (43) और नर्स संगीत काले (38) को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपी नहीं दिखा सके दस्तावेज
अर्वी थाने (Arvee Police Station) के निरीक्षक भानुदास पिडुरकर (Inspector Bhanudar Pindurkar) ने बताया कि इससे पहले पुलिस ने 13 वर्षीय लड़की का अवैध गर्भपात करने के आरोप में अस्पताल की डॉ. रेखा कदम (Dr Rekha Kadam) और एक नर्स को गिरफ्तार किया था. उन्होंने कहा कि एक शिकायत के आधार पर पुलिस ने नौ जनवरी को डॉक्टर और नर्स को गिरफ्तार किया था. साथ ही एक नाबालिग लड़के के माता-पिता को भी गिरफ्तार किया गया था, जिससे कथित तौर पर संबंध के चलते लड़की गर्भवती हुई. पुलिस के अनुसार, डॉक्टर 18 साल से कम उम्र की लड़की का गर्भपात कराने के बारे में अधिकारियों को सूचित नहीं किया था. वर्धा के पुलिस अधीक्षक प्रशांत होल्कर (SP Prashant Holkar) ने बताया कि आरोपी डॉक्टर के सास-ससुर के पास गर्भपात कराने का लाइसेंस है जोकि पेशे से डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि बायोगैस संयंत्र से बरामद हड्डियों और खोपड़ियों को कानूनी रूप से निपटाया गया था या नहीं? होल्कर ने कहा कि डॉ. कदम ने इस संबंध में कोई दस्तावेज पेश नहीं किया है.
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रिमांड में पूछताछ के दौरान खुला राज
महिला जांच अधिकारियों की टीम की सहायक पुलिस निरीक्षक वंदना सोनूने (Inspector Vandana Sonune)और पुलिस उप-निरीक्षक ज्योत्सना (SI Jyotsana) के अनुसार, अर्वी पुलिस को 4 जनवरी की इस मामले में एक गुमनाम सूचना मिली थी. तत्पश्चात पुलिस ने अपने स्थानीय स्रोतों से जानकारी के आधार पर छानबीन की और अंत में नाबालिग लड़की का पता लगाकर उसके माता-पिता से पूरी जानकारी हासिल की जिन्हें लड़के के परिवार द्वारा चुप रहने की धमकी दी गई थी. सहायक पुालिस निरीक्षक सोनुने ने बताया हमने उनसे बातचीत की और पूरा आश्वासन दिया कि उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी.
आखिरकार वे लड़की के अवैध गर्भपात के पांच दिन बाद इस मामले में नौ जनवरी को पहली सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए सहमत हो गए. इस शिकायत के आधार पर एक पुलिस टीम ने कदम अस्पताल पर कार्रवाई की. पुलिस ने लड़के के माता-पिता कृष्णा सहे (42) और उसकी पत्नी नल्लू को भी गिरफ्तार कर लिया है. चारों आरोपियों को इस सप्ताह दो दिनों के लिए पुलिस ने रिमांड पर लेकर जब उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बायोगैस संयंत्र और उसके आसपास दफनाए गए भ्रूणों की जानकारी दी.