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मार्च 2024 तक 10,000 जनऔषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य - PMBJKs

केंद्र सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (PMBJKs) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है. केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि 11 जून, 2021 तक देश में जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 7,836 हो गई है.

मनसुख मंडाविया
मनसुख मंडाविया
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Published : Jun 15, 2021, 7:09 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के प्रागपुर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र का उद्घाटन किया.

उन्होंने इस अवसर पर बताया कि सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (पीएमबीजेके) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है. 11 जून, 2021 तक जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 7,836 हो गई है.

मंडाविया ने कहा कि जन औषधि केंद्रों ने सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार किया है. इन केंद्रों से स्थानीय लोगों को कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी जैसी विशेष स्थिति में जन औषधि केंद्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है. गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए देशभर में 7,836 जन औषधि केंद्र दिन-रात काम कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- 16 जून से खुल जाएंगे ताजमहल समेत आगरा के अन्य स्मारक

मंडाविया ने बताया कि कई जन औषधि केंद्रों ने सस्ती और गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं बेचने के अलावा, लॉकडाउन अवधि के दौरान जरूरतमंद लोगों को राशन किट, पका हुआ भोजन, मुफ्त दवाएं आदि वितरित करने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि इसी तरह, पूरे हिमाचल प्रदेश में कुल 66 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के प्रागपुर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र का उद्घाटन किया.

उन्होंने इस अवसर पर बताया कि सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (पीएमबीजेके) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है. 11 जून, 2021 तक जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 7,836 हो गई है.

मंडाविया ने कहा कि जन औषधि केंद्रों ने सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार किया है. इन केंद्रों से स्थानीय लोगों को कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी जैसी विशेष स्थिति में जन औषधि केंद्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है. गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए देशभर में 7,836 जन औषधि केंद्र दिन-रात काम कर रहे हैं.

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मंडाविया ने बताया कि कई जन औषधि केंद्रों ने सस्ती और गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं बेचने के अलावा, लॉकडाउन अवधि के दौरान जरूरतमंद लोगों को राशन किट, पका हुआ भोजन, मुफ्त दवाएं आदि वितरित करने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि इसी तरह, पूरे हिमाचल प्रदेश में कुल 66 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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