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वायु सेना की बढ़ेगी ताकत, एक महीने के भीतर शामिल होंगे 10 राफेल जेट

चीन के साथ सीमा विवाद के बाद भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में लगा हुआ है. भारतीय वायु सेना के बेड़े में एक महीने के भीतर 10 राफेल लड़ाकू विमान शामिल हो जाएंगे.

शामिल होंगे 10 राफेल जेट
शामिल होंगे 10 राफेल जेट
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Published : Mar 28, 2021, 8:00 PM IST

नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा विवाद के बाद भारत लगातार सैन्य शक्ति बढ़ाने में जुटा है. खबर आ रही है कि एक महीने के भीतर भारतीय वायु सेना के बेड़े में और 10 राफेल लड़ाकू विमान शामिल हो जाएंगे. नए राफेल विमानों के आने से वायु सेना में राफेल की संख्या बढ़कर 21 हो जाएगी.

बता दें कि इससे पहले भारतीय वायु सेना के अंबाला बेस के 17 स्क्वाड्रन में 11 राफेल लड़ाकू विमान शामिल किए जा चुके हैं.

सूत्रों ने कहा कि फ्रांस से आने के बाद विमान अंबाला में तैनात किए जाएंगे और उनमें से कुछ को बाद में हाशिमारा (पश्चिम बंगाल) भेजा जाएगा, जहां दूसरा स्क्वाड्रन शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

अधिकारियों ने इस संबंध में बताया कि तीन राफेल लड़ाकू विमान अगले दो से तीन दिनों में भारत में आने वाले हैं, जो सीधे फ्रांस से उड़ान भरेंगे.

सूत्रों ने बताया कि फ्रांस से लड़ाकू विमान अंबाला एयर बेस पर पहुंचेंगे. वहां से इनमें से कुछ को हाशिमारा भेजा जाएगा, जहां राफेल लड़ाकू विमानों के दूसरे स्क्वाड्रन के गठन की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है.

सितंबर 2016 में लगभग 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल खरीदने के लिए फ्रांस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. 2022 तक सभी विमानों की आपूर्ति हो जाएगी. यह एक बार में आठ लक्ष्यों को निशाना बना सकता है.

क्या है इस विमान की खासियत
यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है. राफेल लड़ाकू जेट SNECMA के दो M88-2 इंजन द्वारा संचालित होता है. प्रत्येक इंजन 75kN का थ्रस्ट प्रदान करता है. राफेल फाइटर जेट एक-दूसरे की उड़ान के दौरान मदद कर सकते हैं.

राफेल फाइटर जेट एक विमान से दूसरे विमान को ईंधन देने में भी सक्षम होते हैं. यह विजिटर रेंज को बाहर करने के लिए METEOR मिसाइलों को फायर कर सकता है.

पढ़ें- फ्रांस से भारत पहुंचे तीन और राफेल विमान, बढ़ी वायुसेना की ताकत

METEOR - विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल होता है, जो दुश्मन के विमानों को 100 किलोमीटर से अधिक की रेंज में देख सकता है. SCALP मिसाइल 300 किलोमीटर की दूरी पर ऑन-ग्राउंड टारगेट को भेद सकती है.

राफेल SCALP मिसाइल है, जो एक सटीक लॉन्ग रेंज ग्राउंड से मिसाइल से लैस अटैक करने में सक्षम होती है. यह 300 किलोमीटर के दायरे में टारगेट करने में सक्षम होती है.

राफेल एक समय में कई मिसाइलों को साथ ले जा सकता है. प्रत्येक एएएसएम मिसाइल में जीपीएस और इमेजिंग इन्फ्रारेड टर्मिनल मार्गदर्शन होता है. यह सटीक रूप से 10 मीटर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकता है. इसके अलावा इसमें एक होलोग्राफिक कॉकपिट डिस्प्ले होता है. यह एक बार में आठ लक्ष्यों को निशाना बना सकता है.

आधुनिक फाइटर जेट, घातक हैमर मिसाइल से लैस होगा.

नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा विवाद के बाद भारत लगातार सैन्य शक्ति बढ़ाने में जुटा है. खबर आ रही है कि एक महीने के भीतर भारतीय वायु सेना के बेड़े में और 10 राफेल लड़ाकू विमान शामिल हो जाएंगे. नए राफेल विमानों के आने से वायु सेना में राफेल की संख्या बढ़कर 21 हो जाएगी.

बता दें कि इससे पहले भारतीय वायु सेना के अंबाला बेस के 17 स्क्वाड्रन में 11 राफेल लड़ाकू विमान शामिल किए जा चुके हैं.

सूत्रों ने कहा कि फ्रांस से आने के बाद विमान अंबाला में तैनात किए जाएंगे और उनमें से कुछ को बाद में हाशिमारा (पश्चिम बंगाल) भेजा जाएगा, जहां दूसरा स्क्वाड्रन शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

अधिकारियों ने इस संबंध में बताया कि तीन राफेल लड़ाकू विमान अगले दो से तीन दिनों में भारत में आने वाले हैं, जो सीधे फ्रांस से उड़ान भरेंगे.

सूत्रों ने बताया कि फ्रांस से लड़ाकू विमान अंबाला एयर बेस पर पहुंचेंगे. वहां से इनमें से कुछ को हाशिमारा भेजा जाएगा, जहां राफेल लड़ाकू विमानों के दूसरे स्क्वाड्रन के गठन की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है.

सितंबर 2016 में लगभग 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल खरीदने के लिए फ्रांस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. 2022 तक सभी विमानों की आपूर्ति हो जाएगी. यह एक बार में आठ लक्ष्यों को निशाना बना सकता है.

क्या है इस विमान की खासियत
यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है. राफेल लड़ाकू जेट SNECMA के दो M88-2 इंजन द्वारा संचालित होता है. प्रत्येक इंजन 75kN का थ्रस्ट प्रदान करता है. राफेल फाइटर जेट एक-दूसरे की उड़ान के दौरान मदद कर सकते हैं.

राफेल फाइटर जेट एक विमान से दूसरे विमान को ईंधन देने में भी सक्षम होते हैं. यह विजिटर रेंज को बाहर करने के लिए METEOR मिसाइलों को फायर कर सकता है.

पढ़ें- फ्रांस से भारत पहुंचे तीन और राफेल विमान, बढ़ी वायुसेना की ताकत

METEOR - विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल होता है, जो दुश्मन के विमानों को 100 किलोमीटर से अधिक की रेंज में देख सकता है. SCALP मिसाइल 300 किलोमीटर की दूरी पर ऑन-ग्राउंड टारगेट को भेद सकती है.

राफेल SCALP मिसाइल है, जो एक सटीक लॉन्ग रेंज ग्राउंड से मिसाइल से लैस अटैक करने में सक्षम होती है. यह 300 किलोमीटर के दायरे में टारगेट करने में सक्षम होती है.

राफेल एक समय में कई मिसाइलों को साथ ले जा सकता है. प्रत्येक एएएसएम मिसाइल में जीपीएस और इमेजिंग इन्फ्रारेड टर्मिनल मार्गदर्शन होता है. यह सटीक रूप से 10 मीटर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकता है. इसके अलावा इसमें एक होलोग्राफिक कॉकपिट डिस्प्ले होता है. यह एक बार में आठ लक्ष्यों को निशाना बना सकता है.

आधुनिक फाइटर जेट, घातक हैमर मिसाइल से लैस होगा.

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