लखनऊ : कासगंज के सदर कोतवाली में पुलिस अभिरक्षा के दौरान अल्ताफ की मौत हो गयी थी. मामले की सच्चाई जानने के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल कासगंज के लिए भेजा है. प्रतिनिधिमंडल घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिजनों, स्थानीय प्रशासन और अन्य लोगों से मुलाकात कर इस घटना की वास्तविक जानकारी हासिल करेगा. इसके बाद अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगा.
प्रतिनिधिमंडल में कुल 10 सदस्य शामिल हैं. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पूर्व विधायक विवेक बंसल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव तौकीर आलम, पूर्व सांसद राशिद अल्वी, गाजियाबाद से पूर्व मेयर प्रत्याशी डॉली शर्मा, कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मुनेंद्र सूद वाल्मीकि, महिला प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष ममता राजपूत, प्रदेश कांग्रेस सचिव अखिलेश शर्मा और कासगंज के जिला अध्यक्ष अदनान मियां शामिल हैं.
कांग्रेस मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि जहां कहीं भी शासन, प्रशासन, सरकार या फिर मंत्री, विधायक की तरफ से अन्याय किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में वहां पर सबसे पहले कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ही खड़ी होती है. कासगंज में हुई घटना के लिए 10 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल कासगंज भेजा जा रहा है. वहां पर घटना की वस्तुस्थिति से अवगत होकर पार्टी को अवगत कराएंगे.
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दरअसल कासगंज की सदर कोतवाली में अल्ताफ नामक 22 साल के युवक की मौत हो गयी थी. पुलिस का दावा है कि अल्ताफ ने कोतवाली के बाथरुम में खुदकुशी कर ली. पुलिस के मुताबिक अल्ताफ ने खुद के जैकेट में लगी डोरी को पाइप में बांधकर अपना गला कस लिया था.
इस मामले में मृतक अल्ताफ के पिता चाहत मियां का कहना है कि उनके बेटे ने आत्महत्या नहीं की है. उन्होंने पुलिस वालों पर ही हत्या का आरोप लगाया है. एक नाबालिग लड़की को भगाने के मामले में पूछताछ के लिए पुलिस ने अल्ताफ को थाने बुलाया था. अब यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है.
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