नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग ने गुजरात में चुनाव की घोषणा कर दी है. राज्य में 1 और 5 दिसंबर को दो चरणों में मतदान कराया जाएगा. खास बात ये है कि बड़ी संख्या में अफ्रीकी मूल के भारतीय आदिवासी मतदाता भी इस चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे. वहीं एक मतदान केंद्र ऐसा होगा, जहां सिर्फ एक ही मतदाता अपने मत का प्रयोग करेगा. African origin tribes will vote.
गुजरात के गिर जंगलों के जंबूर में एक छोटा अफ्रीका बसता है. यहां रहने वाले अफ्रीकी मूल के भारतीय आदिवासी भी दिसंबर में दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान करेंगे. ये सिद्दी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक यहां कुल 3481 मतदाता हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत सिद्दी समुदाय के हैं. इनके लिए 3 पोलिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं.
दरअसल गुजरात के चर्चित गिर जंगल के बीच एक अफ्रीकी गांव बसा है, जिसे जंबूर के नाम से जाना जाता है. यहां रहने वाले सिद्दी आदिवासी मूल रूप से अफ्रीका के बंतू समुदाय से जुड़े हैं. आज भी इनकी सभ्यता-संस्कृति में अफ्रीकी रीति और रिवाजों की झलक नजर आती है. हर साल गुजरात के चुनावों में ये अपना मतदान करते आ रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग इस साल भी सिर्फ एक मतदाता के लिए मतदान केंद्र बना रहा है. ये मतदान केंद्र बाणेज में गिर जंगलों में स्तिथ एक मंदिर के महंत के लिए बनाया जा रहा है. चुनाव आयोग की 15 सदस्यीय टीम यहां मतदान सम्पन्न कराने जाएगी. जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग द्वारा यहां मंदिर के महंत के लिए कई वर्षों से मतदान केंद्र तैयार किया जा रहा है, जो गिर के केंद्र में स्थित है. पहले यह व्यवस्था महंत भरतदास बापू के लिए होती थी. अब उनकी मृत्यु के बाद उनकी जगह नए महंत हरिदास बापू के लिए आयोग ये व्यवस्था कर रहा है.
गुजरात में कुल मतदान केंद्र की संख्या 51,782 होगी. चुनाव आयोग किसी भी मतदाता को मतदान से वंचित नहीं करना चाहता. यही वजह है अंतिम मतदाता तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा चुनावों को देखते हुए राज्य में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. केंद्र की तरफ से सशस्त्र बलों की 160 टुकड़ियां भेजी जा रही हैं, ताकि मतदान के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी ना की जा सके.
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(IANS)