ये कैसा शाला प्रवेश उत्सव, जब बच्चों की सुरक्षा से हो रहा खिलवाड़ ? - सरगुजा में स्कूल खुला
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लंबे समय बाद स्कूलों को खोल दिया गया लेकिन बच्चों की सुरक्षा का ध्यान किसी को नहीं (school opened in surguja ) है. जिला शिक्षा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 297 स्कूल ऐसे हैं जो जर्जर हैं. 297 जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने शासन ने बजट की मांग की है.लेकिन महज 63 स्कूलों की मरम्मत के लिये ही राशि मिली है.ऐसे में जिले की 297 स्कूलों में नवनिहाल खतरे में हैं. इस मामले में गौर करने वाली बात यह है कि दो साल से अधिक समय तक कोरोना काल में स्कूल बंद थी. लेकिन उस दौर में भी इन स्कूलों का मरम्मत नहीं किया गया. जिले में 191 प्राथमिक स्कूल, 86 मिडिल स्कूल और 20 हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल ऐसे हैं जिनकी मरम्मत की जरूरत है. ऐसी कुल 297 स्कूल हैं जिन्हें रिपेयर कराया जाना है. जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए शासन ने वर्ष 2020-21 में 92.33 लाख रुपये दिये हैं. यह राशि महज 115 स्कूलों के लिये आई है. 92 लाख की राशि से 52 प्राथमिक शाला, 43 माध्यमिक शाला और 20 हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों की मरम्मत कराई जानी है. लेकिन यह राशि भी मार्च के महीने में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को प्राप्त हुई है. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने स्कूलों की मरम्मत के लिये राशि को जिला पंचायत को ट्रांसफर कर दिया है. अब 2 महीने में शासकीय फाइलें इतनी तेजी से आगे बढ़ नहीं सकती, और ना ही इतनी जल्दी मरम्मत सम्भव है. ऐसे में सरगुजा मे नौनिहाल खतरा मोल लेकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.