भक्ति भाव के साथ मनाया गया छत्तीसगढ़ का फ्रेंडशिप डे भोजली
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छत्तीसगढ़ में भोजली को देवी गंगा के समान पवित्र (Chhattisgarhs Friendship Day Bhojli celebrated) माना जाता है और पूजा अर्चना के बाद भोजली का विसर्जन करते है. भोजली की बालियों से मितान, गीया या फ्रेंडशिप बनाया जाता है और लोग एक दूसरे के कान के ऊपर भोजली रख कर दोस्त बनाते हैं. ये दोस्ती इतनी पक्की होती है कि लोग अपने मितान के परिवार को अपने परिवार की तरह मानते हैं. कभी एक दूसरे का नाम नहीं लेते. मितान बनाने के लिए न जाति धर्म को देखा जाता और न ही ऊंच नीच की भावना मन में होती है. बस मितान मायने अपना एक खास दोस्त यही भावना होती है. शुक्रवार को जांजगीर चांपा जिला के गांव गांव में भोजली उत्सव देखने को मिला. गांवों में महिलाओं और पुरुषों ने गाजे बाजे के साथ भोजली विसर्जन जूलूस निकाला और सभी परंपराओं के अनुसार भोजली विसर्जन किया. भोजली के विसर्जन के बाद मितान यानी फ्रेंडशिप बनाने की परंपरा है. जिसे गांव के सभी लोंगों ने भी निर्वहन किया.भोजली सिर पर टोकरी में पीला जवारा लिए भजन कीर्तन करते बच्चों, युवतियों और महिलाओं के समूह ने बड़े उत्साह के साथ भोजली उत्सव मनाया. यहां लोगों ने गांव में भोजली की शोभायात्रा निकाली. एक-दूसरे को भोजली भेंट कर मितान और गिंया बदने की परंपरा निभाई.रक्षाबंधन के दूसरे दिन भादो कृष्ण पक्ष की प्रथमा तिथि पर भोजली मनाई गई. इस लोक पर्व को लेकर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था.