Politics on Land Encroachment: जमीन अतिक्रमण को लेकर मनेंद्रगढ़ में सियासत गर्म
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एमसीबी: मनेंद्रगढ़ में सांस्कृतिक, शैक्षणिक, खेल-कूद जैसी गतिविधियों के लिए कोरिया रियासत ने शहर के बीचोबीच जमीन दी थी. लेकिन अब इस जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है. एसडीएम कार्यालय से महज कुछ ही दूरी पर दिन दहाड़े कब्जे की वजह से प्रशासन ही संदेह के घेरे में आ गया है.
यह है पूरा मामला: 1936 में कोरिया रियासत ने बस स्टैंड के पास तीस हजार स्क्वायर फुट जमीन भूपेंद्र क्लब को दान दिया था. जिसकी एक कमेटी भी बनी थी. कमेटी के अध्यक्ष खुद कोरिया रियासत के राजा हुआ करते थे. फिर बाद में शहर के लोग अध्यक्ष बनने लगे. 1981 में वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष रामानुज अग्रवाल और प्रशासन के झगड़े में इस जमीन को राज साज कर दिया गया. बाद में यह मामला एडीजे कोर्ट पहुंचा. जिसके बाद न्यायालय ने यह जमीन 1994 में भूपेंद्र क्लब को दी. बवजूद इसके आज तक यह जमीन भूपेंद्र क्लब के नाम दर्ज नहीं हो पाई है. इस दौरान इस जमीन पर लगातार अवैध कब्जा होता रहा है. जो आज तक जारी है. कब्जाधारियों ने इस जमीन पर मालिकाना हक जताया. इस अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया.
फिर खड़ा हुआ विवाद: अब एक बार फिर इस जमीन को लेकर कब्जाधारीयों ने एसडीएम कार्यालय में अपील की है. जिसकी सुनवाई जारी है. वहीं इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता रमाशंकर गुप्ता ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लागते हुवे कहा कि "जब न्यायालय ने आदेश कर दिया है कि इस जमीन को भूपेंद्र क्लब के नाम कर दिया जाये, तो इतने समय आखिर क्यों लग रहा है. इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन खुद इस जमीन पर अवैध अतिक्रमण कराना चाहती है." इस संबंध में मनेन्द्रगढ़ एसडीएम अभिषेक कुमार मामला एसडीएम न्यायालय में लंबित होना की बात कही.अब देखना होगा कि मनेंद्रगढ़ में जमीन पर अतिक्रमण करने वालों पर कब पुलिस कार्रवाई करती है.