Korba Panchayat protest : शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों का हल्लाबोल
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कोरबा: शहर के तानसेन चौक पर पंचायत सचिव धरने पर बैठ गए हैं. जिले भर के पंचायत सचिव धरने पर बैठे हुए हैं और भूख हड़ताल कर रहे हैं. सचिवों की मांग है कि उनका शासकीयकरण कर दिया जाए. अब तक पंचायत सचिव मानदेय आधार पर ग्राम पंचायतों में अपनी सेवाएं देते आए हैं. वह लंबे समय से शासकीयकरण की मांग कर रहे हैं.
सरकार कर रही वादाखिलाफी: जिला सचिव संघ के कोषाध्यक्ष मनसोधन यादव कहते हैं कि "हम लोग लगातार 40 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. हम क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं. हमारी केवल 1 सूत्रीय मांग है कि परिवीक्षा अवधि के बाद हमारा शासकीयकरण कर दिया जाए. सरकार लगातार अपने वादे से मुकर कर वादाखिलाफी कर रही है. जिसके कारण ही हम आंदोलन कर रहे हैं. हम लगातार अपने आंदोलन को जारी रखेंगे."
आंदोलन का यह 40 वा दिन: राष्ट्रीय पंचायत दिवस के दिन से ही सचिवों ने अपना आंदोलन और तेज कर दिया है. पंचायत सचिवों की 1 सूत्री मांग है कि 2 वर्षों की परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने लेकर पश्चात उन्हें शासकीय कर दिया जाए. जिले में 412 ग्राम पंचायतें हैं. जहां जमीनी स्तर पर नरवा, गरवा घुरवा, गोधन न्याय योजना से लेकर पीएम आवास व इस तरह की अन्य सभी तरह की ग्रामीण क्षेत्रों को योजनाओं में पंचायत सचिव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
सरपंचों के साथ मिलकर वह योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर सुनिश्चित करते हैं.