Pandariya Block of Kabirdham: न सड़क न स्कूल, जान जोखिम में डालकर पढ़ने जाते हैं बच्चे - dilapidated bridge built on Shiv Ganga half river
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कबीरधाम: पंडरिया ब्लाॅक के शिव गंगा हाफ नदी पर बने खस्ताहाल पुल से रोजाना जान में जोखिम में डाल ग्रामीण और स्कूली बच्चे गुजरने को मजबूर हैं. लकड़ी का पुल आड़े तिरछे खंभे के सहारे टिका है, जहां आए दिन घटनाएं होती रहती हैं. शिकायतों और मांगों के बावजूद शासन प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक मूक धारण किए बैठे बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं.
चार से पांच किलोमीटर कम हो जाती है दूरी : पंडरिया ब्लाॅक के दामापुर इलाके में हाफ नदी पर बने शिव गंगा पुलिया का किनारा बह चुका है, लेकिन ना तो इलाके के जनप्रतिनिधि और ना ही प्रशासन का ध्यान इस पर है. खतरा मोल लेते हुए ग्रामीण और स्कूली बच्चे यहां से रास्ता पार कर रहे हैं. पुलिया की मरम्मत न होने से ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के लिए लकड़ी का पुल बना लिया है और उसी से आना-जाना कर रहे हैं. दूसरे रास्ते से जाने पर लोगों को चार-पांच किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी. यही कारण है कि लंबी दूरी से बचने के लिए स्थानीय ग्रामीण और स्कूली बच्चे इसी रास्ते से आना जाना कर रहे हैं.
पुल बनाने वालों ने दोनों किनारों को जोड़ा ही नहीं: इलाके के निवासियों की माने तो "पुलिया निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. 15-17 वर्ष पहले बने इस पुल को बनाने वालों ने दोनों किनारे को जोड़ा ही नहीं. नतीजा ये रहा की दोनों किनारा बाढ़ आने पर बह गए." क्षेत्रिय जनपद सदस्य अश्वनी यदु बताते हैं कि "इसी मार्ग से कोदवा गोबर्रा प्राण खैरा बंशापुर आमादाह के 70-80 की संख्या में छात्र छात्राएं आना जाना करते हैं. कई बार बच्चे गिर चुके हैं. कई बार आंदोलन हुआ, लेकिन विभाग ने आज तक इसकी सुध नहीं ली."
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कलेक्टर ने जल्द प्रपोजल बनाने का दिया निर्देश: मीडिया के माध्यम से संज्ञान में लाए जाने पर जिला प्रशासन ने अपनी टीम से स्थल मुआयना कर पुलिया निर्माण या मरम्मत करने की बात कही है. कलेक्टर ने लकड़ी के वैकल्पिक उपाय को हटवा दिया है ताकि कोई दुर्घटना ना हो. वहीं अधिकारियों को भेज कर जल्द से जल्द प्रपोजल बनाने का निर्देश दिया है. अब देखना होगा कि पुलिया की मरम्मत होगी या समय बीतने के साथ फिर से लोग खतरा मोल लेते हुए वैकल्पिक उपाय से आना-जाना करेंगे.