Bageshwar Sarkar Challenge रायपुर में फिर बागेश्वर सरकार ने कहा "हम बांध देंगे ठठरी" - dhirendra krishna shastri statement on twitter
🎬 Watch Now: Feature Video
![ETV Thumbnail thumbnail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/320-214-17565086-thumbnail-3x2-iiiiii.jpg)
रायपुर: हम बांध देंगे ठठरी..एक बार फिर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इस शब्द का प्रयोग किया. इस बार बागेश्वर सरकार ने पादरी और मौलवियों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया है. आपको बताते हैं कि ठठरी का मतलब क्या है. ठठरी बुंदेलखंडी शब्द है. जिसका अर्थ होता है अर्थी. इसी ठठरी शब्द का इस्तेमाल बाबा बार बार रायपुर में कर रहे हैं. बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का सोमवार को रामकथा का आखिरी दिन था. इस दौरान उन्होंने चुनौती के साथ शुरू हुई रामकथा को चुनौती देकर ही खत्म किया. राम कथा के दौरान धीरज शास्त्री ने कहा कि भारत के इतिहास में हम पर संतों का आशीर्वाद है. हमारे गुरु ने हमें चुना है. कोई भी पादरी या मौलवी या भारत का वह व्यक्ति जो कहता है की ईश्वर नहीं है. कोई दिव्य शक्ति नहीं होती, किसी भी लेवल से आकर वह सामना कर ले, ठठरी बंधेगी.
रायपुर में एक बार फिर बागेश्वर सरकार की चुनौती: रामकथा में प्रवचन के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा "जितनी हमारा सामर्थ्य है. हम कोई दावा नहीं करते कि कोई शक्ति दिखाएंगे. दरबार में किसी और की सामर्थता है. हमें अपने इष्ट और प्रभु पर भरोसा है, कोई भी आ जाए. मुंह की खाकर जाएगा. यदि आप कहते हो कि माइंड रीडिंग है माइंड रीडिंग के लिए व्यक्ति सामने होना चाहिए. हम तो व्यक्ति से मिलने के पहले ही पर्चा लिख लेते हैं तो यह माइंड रीडिंग कैसे हुई.हमने जिस का पर्चा लिख लिया आप उसी को लेकर आओगे. यह हमारे बालाजी की कृपा है. तुलसीदास सहित कई ऐसे लोग है जिन्हें लोगों की चुनौती का सामना करना पड़ा. यह वही भारत देश है जहां पर दीवारों पर लिखने से मना करने के लिए भी उसी दीवारों पर ही लिखना पड़ता है.
Bageshwar sarkar: बागेश्वर सरकार ने दिया नया नारा, "तुम मुझे साथ दो मैं तुम्हें हिंदू राष्ट्र दूंगा"
रायपुर में रामकथा के आखिरी दिन बागेश्वर सरकार ने कई अलग अलग मामले पर अपनी बात रखी. मॉडर्न कपड़े पहनने वाली महिलाओं की तुलना भैंस से की. अपने भक्तों से दावा किया कि आपका साथ मिलने पर भारत को हिंदू राष्ट्र बना देंगे. इसके अलावा मंत्री अमरजीत भगत से रामचरितमानस को छत्तीसगढ़ के सिलेब्स में भी शामिल करने की मांग की.