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बढ़ते कोरोना मामलों के कारण फिलहाल नहीं खुलेंगे स्कूल

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल न खोलने की बात कही है. इस बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने छात्रों के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किये हैं. इन दिशानिर्देश का लाभ उन सभी छात्रों को भी मिलेगा जिनके पास डिजिटल संसाधन का अभाव है.

Schools will remain closed
स्कूल नहीं खुलेंगे
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Published : Aug 21, 2020, 1:03 PM IST

Updated : Aug 22, 2020, 9:25 AM IST

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा 69 हजार 652 नए मामले दर्ज हुए हैं. देश में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के कारण फिलहाल दोबारा स्कूल खोले जाना मुश्किल है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्पष्ट कर चुका है कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना स्कूल नहीं खोले जाएंगे. फिलहाल स्कूल खोले जाने की संभावना नहीं है, इसलिए ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने का विकल्प ही जारी रखा गया है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने स्कूली छात्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. यह दिशानिर्देश इंटरनेट के अभाव में भी छात्रों की लर्निग बेहतर करने का काम करेंगे. ये दिशानिर्देश तीन प्रकार की स्थितियों के लिए सुझाए गए हैं. सबसे पहले, जिसमें छात्रों के पास कोई डिजिटल संसाधन नहीं है. दूसरे, जिसमें छात्रों के पास सीमित डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं. अंत में, जिसमें छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं.

यानी जहां छात्रों को अभी घर पर ही ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है, वहां यह तरीका बरकरार रहेगा. जिनके पास ऑनलाइन साधन उपलब्ध नहीं है, उन्हें अन्य वैकल्पिक माध्यमों से शिक्षा प्रदान की जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि फिलहाल स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, 'दिशानिर्देश स्कूल के साथ काम करने वाले समुदाय पर जोर देते हैं, ताकि शिक्षकों और स्वयंसेवकों द्वारा बच्चे अपने दरवाजे पर शिक्षण सामग्री जैसे वर्कबुक, वर्कशीट आदि प्राप्त कर सकें. यह सामुदायिक केंद्र में टेलीविजन स्थापित करने और सामाजिक दूरी मानदंडों को बनाए रखने के द्वारा स्थानीय छात्रों को पढ़ाने का भी सुझाव देता है.'

ये दिशानिर्देश समुदाय केंद्र और पंचायती राज के सदस्यों की मदद से सामुदायिक केंद्र में एक हेल्पलाइन स्थापित करने की भी बात करते हैं. यह माता-पिता के उन्मुखीकरण की सलाह देते हैं कि वे अपने बच्चों के सीखने में सहायता और भाग लें.

तीनों स्थितियों में वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर के उपयोग और आरोपण का सुझाव दिया जाता है. दिशानिर्देश, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में डिजिटल संसाधनों की पहुंच पर एनसीईआरटी द्वारा किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है. राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लिए सतत शिक्षण योजना के लिए भी तैयार है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'दिशानिर्देश उन बच्चों की मदद करेंगे, जिनके पास अपने शिक्षकों या स्वयंसेवकों के साथ घर पर सीखने के अवसर प्राप्त करने के लिए डिजिटल संसाधन नहीं हैं. इसके अलावा, यह उन सभी छात्रों की सीखने की कमियों को दूर करने के हमारे प्रयासों में भी मदद करेगा जो विभिन्न वैकल्पिक तरीकों के माध्यम से घर पर सीख रहे हैं यानी, रेडियो, टीवी, स्मार्ट फोन आदि का उपयोग कर रहे हैं.'

गौरतलब है कि भारत में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 28 लाख के पार हो गई. इतना ही नहीं देश में पिछले एक दिन में 977 लोगों की जान भी गई है और अब कुल मौतों का आंकड़ा 53 हजार 866 पर पहुंच गया है.

सौजन्य: आईएएनएस

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा 69 हजार 652 नए मामले दर्ज हुए हैं. देश में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के कारण फिलहाल दोबारा स्कूल खोले जाना मुश्किल है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्पष्ट कर चुका है कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना स्कूल नहीं खोले जाएंगे. फिलहाल स्कूल खोले जाने की संभावना नहीं है, इसलिए ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने का विकल्प ही जारी रखा गया है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने स्कूली छात्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. यह दिशानिर्देश इंटरनेट के अभाव में भी छात्रों की लर्निग बेहतर करने का काम करेंगे. ये दिशानिर्देश तीन प्रकार की स्थितियों के लिए सुझाए गए हैं. सबसे पहले, जिसमें छात्रों के पास कोई डिजिटल संसाधन नहीं है. दूसरे, जिसमें छात्रों के पास सीमित डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं. अंत में, जिसमें छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं.

यानी जहां छात्रों को अभी घर पर ही ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है, वहां यह तरीका बरकरार रहेगा. जिनके पास ऑनलाइन साधन उपलब्ध नहीं है, उन्हें अन्य वैकल्पिक माध्यमों से शिक्षा प्रदान की जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि फिलहाल स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, 'दिशानिर्देश स्कूल के साथ काम करने वाले समुदाय पर जोर देते हैं, ताकि शिक्षकों और स्वयंसेवकों द्वारा बच्चे अपने दरवाजे पर शिक्षण सामग्री जैसे वर्कबुक, वर्कशीट आदि प्राप्त कर सकें. यह सामुदायिक केंद्र में टेलीविजन स्थापित करने और सामाजिक दूरी मानदंडों को बनाए रखने के द्वारा स्थानीय छात्रों को पढ़ाने का भी सुझाव देता है.'

ये दिशानिर्देश समुदाय केंद्र और पंचायती राज के सदस्यों की मदद से सामुदायिक केंद्र में एक हेल्पलाइन स्थापित करने की भी बात करते हैं. यह माता-पिता के उन्मुखीकरण की सलाह देते हैं कि वे अपने बच्चों के सीखने में सहायता और भाग लें.

तीनों स्थितियों में वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर के उपयोग और आरोपण का सुझाव दिया जाता है. दिशानिर्देश, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में डिजिटल संसाधनों की पहुंच पर एनसीईआरटी द्वारा किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है. राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लिए सतत शिक्षण योजना के लिए भी तैयार है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'दिशानिर्देश उन बच्चों की मदद करेंगे, जिनके पास अपने शिक्षकों या स्वयंसेवकों के साथ घर पर सीखने के अवसर प्राप्त करने के लिए डिजिटल संसाधन नहीं हैं. इसके अलावा, यह उन सभी छात्रों की सीखने की कमियों को दूर करने के हमारे प्रयासों में भी मदद करेगा जो विभिन्न वैकल्पिक तरीकों के माध्यम से घर पर सीख रहे हैं यानी, रेडियो, टीवी, स्मार्ट फोन आदि का उपयोग कर रहे हैं.'

गौरतलब है कि भारत में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 28 लाख के पार हो गई. इतना ही नहीं देश में पिछले एक दिन में 977 लोगों की जान भी गई है और अब कुल मौतों का आंकड़ा 53 हजार 866 पर पहुंच गया है.

सौजन्य: आईएएनएस

Last Updated : Aug 22, 2020, 9:25 AM IST
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