कहावत है दुर्घटना से सावधानी भली. चीन में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए तथा भारत में कोरोना के एक ऐसे वेरिएंट के कुछ मामले सामने आने के चलते जिसके मामले चीन काफी बढ़ रहे हैं, सुरक्षा के मद्देनजर भारत सरकार ने लोगों से कोरोना से जुडी सावधानी ना छोड़ने तथा कोरोना से जुड़े सुरक्षा मानकों को अपनाने की अपील की है. लेकिन सरकार की इस सलाह से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है बल्कि उनका यह जानना जरूरी है कि यह सलाह उन्हें इसलिए दी जा रही है कि भविष्य में कोरोना के किसी भी वेरिएंट के प्रसार को नियंत्रण में रखा जा सके या उसके प्रसार की आशंका को कम किया जा सके. corona in china . Coronavirus India . coronavirus news . corona precautions . habit of adopting sop covid protocols .
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण फैलने की शुरुआत से लेकर अब तक एक भी बार ऐसी स्थिति नहीं आई है जहां यह कहा जा सके कि देश पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गया हो. देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार कोरोना के कभी कम तो कभी ज्यादा मामले सामने आते ही रहे हैं. लेकिन लोगों में टीकाकरण तथा कोरोना के अपेक्षाकृत कमजोर प्रकार के चलते ज्यादातर मामलों में यह जानलेवा प्रभाव नहीं दे रहा था. इसके चलते कोरोना के कारण मृत्यु के मामलों में भी काफी ज्यादा कमी दर्ज की गई थी. पिछले कुछ महीने में सामने आने वाले कोरोना के ज्यादातर मामलों में कोविड की गंभीरता तथा उसके प्रभाव सामान्य फ्लू सरीखे ही थे और मरीज अपेक्षाकृत कम पार्श्वप्रभावों के साथ जल्दी ठीक हो जा रहे थे. जिसके चलते लोगों में कोरोना का डर भी कम होने लगा था और वे सामान्य जीवनशैली में लौटने लगे थे यानी जनजीवन सामान्य होने लगा था . यहां तक की मास्क तथा सेनेटाइजर का उपयोग भी काफी कम होने लगा था.
Dr. Rakesh Jain , General Physician , Indore ( इंदौर के जनरल फिजिशियन डॉक्टर राकेश जैन ) बताते हैं कि भले ही कम संख्या में सही मध्यम, कम तथा बेहद हल्के प्रभाव व लक्षण वाले कोरोना के मामले लगातार सामने आते ही रहे हैं. उनमें से ज्यादातर मामलों में लक्षण तथा प्रभाव सामान्य फ्लू जैसे ही रहे हैं तथा ज्यादातर मरीज 3 से 4 दिन में ठीक भी हो जा रहे हैं. ऐसे में ज्यादातर लोगों में जिनमें कोविड की पुष्टि हुई हो संक्रमण को लेकर ज्यादा डर देखने में नहीं आता है. बल्कि वे उसे भी एक आम संक्रमण जैसे ही ले रहे हैं. Dr Rakesh Jain बताते हैं कि भले ही वर्तमान समय में कोविड को लेकर लोगों का नजरिया बदलने लगा है लेकिन जिस तरह से देश के कुछ हिस्सों में कोरोनावायरस के नए वेरिएंट के मामलों के सामने आने की बात आ रही है ऐसे में भविष्य में संक्रमण को फैलने से रोकने तथा किसी भी प्रकार की अवांछित अवस्था से बचाव के लिए सुरक्षा मानकों को अपनाना एक सुरक्षित तथा जरूरी तरीका है.
सावधानी अपनाने की जरूरत
Dr. Rakesh Jain , Indore बताते हैं कि खबरों में लगातार कोरोना का उल्लेख कई लोगों में चिंता बढ़ा रहा है. लेकिन पहले के मुकाबले लोगों में इस रोग को लेकर डर अपेक्षाकृत कम है क्योंकि ज्यादातर लोग कोरोना को लेकर जरूरी टीकाकरण करवा चुके हैं. आमतौर पर लोगों को लगता है कि वैक्सीन का पूरा कोर्स करवाने के बाद कोरोना नहीं हो सकता है. जो सही नहीं है. वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना हो सकता है लेकिन सामान्य परिस्थितियों में इसका प्रभाव काफी कम होता है. और यदि व्यक्ति को कोई विशेष शारीरिक अवस्था या रोग ना हो तो ना सिर्फ उसके जानलेवा प्रभाव ना के बराबर होते हैं बल्कि उसके पार्श्व प्रभाव भी लोगों में काफी कम नजर आते हैं. लेकिन फिर भी रोग, रोग ही होता है इसलिए उससे बचने के लिए हर संभव प्रयास करना जरूरी है. विशेषकर कोरोना संक्रमण के फैलने की कड़ी को तोड़ने के लिए सुरक्षा मानकों को अपनाना जरूरी है. इसके साथ ही वैक्सीन के सभी डोज लेना भी जरूरी है. जिन लोगों ने अभी तक booster dose नहीं लगवाई है उन्हे अपनी बूस्टर डोज के साथ अपने वैक्सीन का टीकाकरण पूरा करा लेना चाहिए.
सावधानियां
वह बताते हैं कि वैसे तो बच्चे तथा बड़े, ज्यादातर लोग कोरोना को लेकर जरूरी सावधानियों तथा सुरक्षा मानकों के बारे में जानते हैं. जैसे mask पहनना, नियमित तौर से हाथों की साफ सफाई का ध्यान रखना अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना तथा सामाजिक दूरी को बरतना आदि. लेकिन पिछले कुछ समय में जब से कोरोना के मामलों तथा उसकी गंभीरता में कमी आनी शुरू हुई है ज्यादातर लोगों ने इन्हे अपनाना छोड़ दिया है.
लेकिन भविष्य में corona infection ना फैले इसके लिए सतर्कता तथा caution दोनों ही अपनाना जरूरी है. क्योंकि जागरूकता और सतर्कता से ही कोरोना को मात दी जा सकती है. इसलिए सरकार द्वारा भी लोगों से भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने तथा वैक्सीन के सभी डोज लेने की सलाह दी गई है.वह बताते हैं कि वैसे भी यदि आम जीवन में लोग इन सुरक्षा व स्वच्छता से जुड़ी आदतों को शामिल करते हैं तो सिर्फ कोरोना से ही नहीं बल्कि बहुत से मौसमी तथा अन्य प्रकार के संक्रमण तथा रोगों से भी खुद की रक्षा कर सकते हैं.