सूरजपुर: जिले में इस बार कोरोना वायरस की वजह से विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर 9 अगस्त (रविवार) को कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं हुआ. हर साल सूरजपुर में बड़ा आयोजन होता था, जिसमें दूसरे जिले के बड़े आदिवासी नेता आते थे, लेकिन इस बार विश्व आदिवासी दिवस सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया.
कोरोना के कहर के कारण इस साल का आयोजन सीमित रूप से हुआ. जनपद पंचायत अध्यक्ष जगलाल देहाती ने अपने ईष्ट देव की पूजा-अर्चना कर गांव में चल रहे आदिवासी दिवस कार्यक्रम में भाग लिया.
जंगल है तो आदिवासी हैं, आदिवासी हैं तो जंगल
ग्राम पंचायत सलका के कार्यक्रम में पहुंचकर जनपद अध्यक्ष जगलाल देहाती ने आदिवासी उत्थान के लिए संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जंगल है, तो आदिवासी हैं और आदिवासी हैं, तो जंगल है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में राज्य सरकार कई महत्वपूर्ण फैसले ले रही है. आदिवासियों के बेहतरी के लिए कई योजनाएं संचालित की गई हैं, जिनका क्रियान्वयन हम जैसे जनप्रतिनिधि जमीनी स्तर पर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि योजनाओं के माध्यम से हम वंचित लोगों को लाभ दिलाएंगे.
चौक-चौराहों पर लगाई गई सभी ईष्ट देवताओं की मूर्ति
वहीं कार्यक्रम के दौरान लोगों की मांग पर सलका गांव में मंच निर्माण की घोषणा करते हुए जगलाल देहाती ने कहा कि सूरजपुर जिले में सभी चौक-चौराहों पर ईष्ट देवताओं की मूर्ति लगी है, लेकिन यहां आदिवासी समाज का कोई भी चौक नहीं है. उन्होंने कहा कि हम शासन-प्रशासन से मांग कर यहां भी आदिवासी समाज के ईष्ट देवताओं की मूर्ति स्थापित करेंगे, इसके लिए पहल की जा रही है.
प्रदेश के अन्य जिलों में भी हुआ आयोजन
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई जिलों में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. राजधानी रायपुर में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके अलावा केशकाल में समाज के कार्यकर्ताओं ने लोगों को मास्क और सैनिटाइजर बांटे. साथ ही बाइक रैली भी निकाली गई. वहीं जशपुर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया.