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सूरजपुर: पुल और सड़क का खत्म नहीं हो रहा इंतजार, खतरे में जान

सूरजपुर जिले के प्रतापपुर ब्लॉक के कई गांवों की हालत दयनीय हैं. यहां आज भी कई नालों पर पुल नहीं बनाए गए है, जिससे अपने कई रोजमर्रा के कामों को पूरा करने ग्रामीण नदी-नालों को पार कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.

villagers crossing river-drain due to lack of bridge in pratappur block of surajpur district
पुल और सड़क के इंतजार में ग्रामीण
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Published : Sep 16, 2020, 9:01 AM IST

Updated : Sep 16, 2020, 10:29 AM IST

सूरजपुर: प्रतापपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत नरोला के ग्रामीणों को आज भी पुल का इंतजार है. नरोला से रेवटी मुख्य मार्ग के बीचों-बीच पड़ने वाले नाले पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को बरसात के दिनों में भी भरा नाला पार करना पड़ता है. ये नाला नरोला से रेवटी को जोड़ता है. जिस पर आज तक ना कोई पुल बन पाया है और न ही सड़क का निर्माण हो पाया है. जिससे बारिश के दिनों में ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत हो जाती हैं.

पढ़ें: कांकेर: 8 महीने से अधूरा है पुल का निर्माण, ग्रामीण हो रहे परेशान

पुल और सड़क के लिए सिर्फ मिला आश्वासन

प्रतापपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत नरोला के बीचों-बीच दोमुंहान नाला जो कि नरोला से रेवटी मुख्य मार्ग से जोड़ता है. इसके ऊपर आज तक कोई पुल और सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. जो कि बरसात के समय मे आवागमन करने वाले लोगों के लिए समस्या बन कर खड़ा हो गया है. मोरन नदी के किनारे बसे ग्राम पंचायत नरोला धोन्धा, डॉड़करवा, नरोला के आश्रित सभी गांव के ग्रामीणों को बरसात के दिनों में जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है. सबसे ज्यादा परेशानी नरोला और बोंगा के गांव के लोगों को होती है, क्योंकि इन्हें रोजमर्रा का सामान और मजदूरी के लिए दोमुहांन नाला पार करके जाना होता है. बरसात के दिनों में उफनती नदी को पार करने के दौरान कुछ ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है. लोगों ने पुल, पुलिया की मांग की थी, इसके लिए गुहार लगाई थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. अब ये फिर से आस लगाए हुए हैं कि अब तो पुल का कुछ इंतजाम हो जाए, नहीं तो फिर वही हालात होंगे, जिससे ये हमेशा जूझते आए हैं.

पढ़ें: जशपुर: आजादी के बाद भी इस गांव तक नहीं पहुंचा विकास, वर्षों से ग्रामीणों को पुल की आस

ग्रामीणों को पुल और सड़क बनने का इंतजार

दोमुहांन नाला के करीब के गांवों में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होने की वजह से बरसात के दिनों में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मरीजों को जान जोखिम में डालकर उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर आना पड़ता है. यही हाल बारिश में शिक्षा व्यवस्था का भी होता है. शिक्षक और बच्चे भी अपनी जान जोखिम में डालकर दोमुहांन नाला पार करते हैं. ग्रामीण हर साल बाढ़ जैसी प्राकृतिक विपदा को झेलने के लिए मजबूर हैं.

पढ़ें: कोरिया: जान जोखिम में डाल नदी पार कर रहे ग्रामीण, मुलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा इलाका

सूरजपुर: प्रतापपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत नरोला के ग्रामीणों को आज भी पुल का इंतजार है. नरोला से रेवटी मुख्य मार्ग के बीचों-बीच पड़ने वाले नाले पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को बरसात के दिनों में भी भरा नाला पार करना पड़ता है. ये नाला नरोला से रेवटी को जोड़ता है. जिस पर आज तक ना कोई पुल बन पाया है और न ही सड़क का निर्माण हो पाया है. जिससे बारिश के दिनों में ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत हो जाती हैं.

पढ़ें: कांकेर: 8 महीने से अधूरा है पुल का निर्माण, ग्रामीण हो रहे परेशान

पुल और सड़क के लिए सिर्फ मिला आश्वासन

प्रतापपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत नरोला के बीचों-बीच दोमुंहान नाला जो कि नरोला से रेवटी मुख्य मार्ग से जोड़ता है. इसके ऊपर आज तक कोई पुल और सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. जो कि बरसात के समय मे आवागमन करने वाले लोगों के लिए समस्या बन कर खड़ा हो गया है. मोरन नदी के किनारे बसे ग्राम पंचायत नरोला धोन्धा, डॉड़करवा, नरोला के आश्रित सभी गांव के ग्रामीणों को बरसात के दिनों में जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है. सबसे ज्यादा परेशानी नरोला और बोंगा के गांव के लोगों को होती है, क्योंकि इन्हें रोजमर्रा का सामान और मजदूरी के लिए दोमुहांन नाला पार करके जाना होता है. बरसात के दिनों में उफनती नदी को पार करने के दौरान कुछ ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है. लोगों ने पुल, पुलिया की मांग की थी, इसके लिए गुहार लगाई थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. अब ये फिर से आस लगाए हुए हैं कि अब तो पुल का कुछ इंतजाम हो जाए, नहीं तो फिर वही हालात होंगे, जिससे ये हमेशा जूझते आए हैं.

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ग्रामीणों को पुल और सड़क बनने का इंतजार

दोमुहांन नाला के करीब के गांवों में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होने की वजह से बरसात के दिनों में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मरीजों को जान जोखिम में डालकर उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर आना पड़ता है. यही हाल बारिश में शिक्षा व्यवस्था का भी होता है. शिक्षक और बच्चे भी अपनी जान जोखिम में डालकर दोमुहांन नाला पार करते हैं. ग्रामीण हर साल बाढ़ जैसी प्राकृतिक विपदा को झेलने के लिए मजबूर हैं.

पढ़ें: कोरिया: जान जोखिम में डाल नदी पार कर रहे ग्रामीण, मुलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा इलाका

Last Updated : Sep 16, 2020, 10:29 AM IST
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