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सूरजपुर: 12 साल से एक बस स्टैंड का इंतजार कर रहे जरही के लोग - bus

सूरजपुर जिले के नगर पंचायत जरही में आज तक बस स्टैड का निर्माण नहीं हो पाया है. जरही को नगर पंचायत बने 12 साल बीत गए, लेकिन प्रशासनिक उदासिनता के चलते आज तक यहां बस स्टैंड नहीं बन पाया. बता दें, जरही मार्ग कई राज्यों को जोड़ने वाला मार्ग है, जिसके चलते यहां यात्रियों की काफी भीड़ रहती है.

NO BUS STAND IN JARHI
जरही में बस स्टैंड का इंतजार
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Published : Jul 15, 2020, 8:00 PM IST

सूरजपुर: सरकार विकास के चाहे कितने दावे कर ले, लेकिन कुछ तस्वीरों को देखने के बाद मालूम पड़ता है कि विकास की राह कई इलाकों के लिए आसान नहीं है. हम बात कर रहे हैं अंबिकापुर-वाराणसी अंतर राज्य मार्ग स्थित जरही नगर पंचायत की. जरही को नगर पंचायत बने 12 साल बीत चुके हैं, बावजूद इसके यहां पर एक बस स्टैंड नहीं बन पाया है. लिहाजा रोजाना बस के इतंजार में खड़े यात्रियों को खासकर बारिश के मौसम में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

नगर पंचायत जरही में 12 साल बाद भी नहीं बन पाया बस स्टैंड

सूरजपुर के अंबिकापुर-वाराणसी अंतर राज्य मार्ग स्थित जरही नगर पंचायत 12 साल से बस स्टैंड के अभाव में परेशान है. दरअसल, जिले का एकमात्र नगर पंचायत होने के कारण यहां दूसरे राज्यों में आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा रहती है. जहां रोजाना जरही चौक पर 500 से ज्यादा यात्री अलग-अलग बसों के इंतजार में सड़क किनारे ही खड़े रहते हैं. वहीं बरसात में यात्रियों को बस स्टैंड के अभाव में काफी परेशानी होती है, जिसे लेकर नगरवासी कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई प्रशासन की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गई है.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना संकट में यात्री नहीं मिलने से बस संचालक बेबस, सरकार से मदद की आस

जरही को नगर पंचायत बनाने के बाद यहां के लोगों में विकास की किरण जगी थी. तब स्थानीय लोगों की सबसे बड़ी मांग थी बस स्टैंड का निर्माण, लेकिन 12 साल बीतने के बाद भी बस स्टैंड की मांग पूरी नहीं हो पाई. जरही नगर पंचायत में विकास के सारे दावे खोखले हैं. प्रशासन की उदासीनता के चलते यहां किसी भी चीजों का विकास नहीं हो पा रहा है. नगर पंचायत में न तो मार्केट का विस्तार हो पाया और न ही बस स्टैंड की मांग पूरी हो पाई.

तीन राज्यों को जोड़ता है जरही मार्ग

आपको बता दें, जरही मार्ग उत्तर प्रदेश, दिल्ली और झारखंड को जोड़ता है. जिसके चलते यहां आए दिन हजारों यात्री इस मार्ग पर सफर करते हैं. लोग बसों के इतंजार में सड़क के किनारे खड़े रहते हैं. जिसके चलते कई बार हादसा होना का खतरा भी बना रहता है. बारिश और गर्मी के दिन इन यात्रियों की मुसीबत और बढ़ जाती है. कांग्रेस सरकार आने के बाद लोगों में फिर से उम्मीद की किरण जगी थी. लोगों का कहना है कि कांग्रेस सरकार आने के बाद उन्हें लगा था कि बस स्टैंड का सपना पूरा हो जाएगा. लेकिन एक बार फिर उनके सपनों पर पानी फिर गया.

सीएमओ ने कहा शासन ने नहीं दिया पर्याप्त पैसा

इस संबंध में नगर पंचायत के सीएमओ ने बताया कि बस स्टैंड के जमीन का आवंटन हो चुका है और पैसा भी आ चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से बहुत ही कम राशि दी गई है. इतने कम पैसों से बस स्टैंड का निर्माण नहीं किया जा सकता. इसलिए हमने शासन से पैसे बढ़ाने की मांग की है. जैसे ही राशि स्वीकृत हो जाएगी, बस स्टैंड का काम चालू कर दिया जाएगा.

सूरजपुर: सरकार विकास के चाहे कितने दावे कर ले, लेकिन कुछ तस्वीरों को देखने के बाद मालूम पड़ता है कि विकास की राह कई इलाकों के लिए आसान नहीं है. हम बात कर रहे हैं अंबिकापुर-वाराणसी अंतर राज्य मार्ग स्थित जरही नगर पंचायत की. जरही को नगर पंचायत बने 12 साल बीत चुके हैं, बावजूद इसके यहां पर एक बस स्टैंड नहीं बन पाया है. लिहाजा रोजाना बस के इतंजार में खड़े यात्रियों को खासकर बारिश के मौसम में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

नगर पंचायत जरही में 12 साल बाद भी नहीं बन पाया बस स्टैंड

सूरजपुर के अंबिकापुर-वाराणसी अंतर राज्य मार्ग स्थित जरही नगर पंचायत 12 साल से बस स्टैंड के अभाव में परेशान है. दरअसल, जिले का एकमात्र नगर पंचायत होने के कारण यहां दूसरे राज्यों में आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा रहती है. जहां रोजाना जरही चौक पर 500 से ज्यादा यात्री अलग-अलग बसों के इंतजार में सड़क किनारे ही खड़े रहते हैं. वहीं बरसात में यात्रियों को बस स्टैंड के अभाव में काफी परेशानी होती है, जिसे लेकर नगरवासी कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई प्रशासन की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गई है.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना संकट में यात्री नहीं मिलने से बस संचालक बेबस, सरकार से मदद की आस

जरही को नगर पंचायत बनाने के बाद यहां के लोगों में विकास की किरण जगी थी. तब स्थानीय लोगों की सबसे बड़ी मांग थी बस स्टैंड का निर्माण, लेकिन 12 साल बीतने के बाद भी बस स्टैंड की मांग पूरी नहीं हो पाई. जरही नगर पंचायत में विकास के सारे दावे खोखले हैं. प्रशासन की उदासीनता के चलते यहां किसी भी चीजों का विकास नहीं हो पा रहा है. नगर पंचायत में न तो मार्केट का विस्तार हो पाया और न ही बस स्टैंड की मांग पूरी हो पाई.

तीन राज्यों को जोड़ता है जरही मार्ग

आपको बता दें, जरही मार्ग उत्तर प्रदेश, दिल्ली और झारखंड को जोड़ता है. जिसके चलते यहां आए दिन हजारों यात्री इस मार्ग पर सफर करते हैं. लोग बसों के इतंजार में सड़क के किनारे खड़े रहते हैं. जिसके चलते कई बार हादसा होना का खतरा भी बना रहता है. बारिश और गर्मी के दिन इन यात्रियों की मुसीबत और बढ़ जाती है. कांग्रेस सरकार आने के बाद लोगों में फिर से उम्मीद की किरण जगी थी. लोगों का कहना है कि कांग्रेस सरकार आने के बाद उन्हें लगा था कि बस स्टैंड का सपना पूरा हो जाएगा. लेकिन एक बार फिर उनके सपनों पर पानी फिर गया.

सीएमओ ने कहा शासन ने नहीं दिया पर्याप्त पैसा

इस संबंध में नगर पंचायत के सीएमओ ने बताया कि बस स्टैंड के जमीन का आवंटन हो चुका है और पैसा भी आ चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से बहुत ही कम राशि दी गई है. इतने कम पैसों से बस स्टैंड का निर्माण नहीं किया जा सकता. इसलिए हमने शासन से पैसे बढ़ाने की मांग की है. जैसे ही राशि स्वीकृत हो जाएगी, बस स्टैंड का काम चालू कर दिया जाएगा.

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