सूरजपुर: राज्यसभा ने 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ की धनुहार, धनुवार, किसान, सावरा सौंरा और बिंझिया समुदायों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने के लिए विधेयक पारित कर दिया. इस विधेयक के पारित होने से मात्रात्मक त्रुटि के चलते आदिवासी होने का लाभ नहीं ले पा रही 12 जातियों को लाभ मिलेगा. विधेयक पारिते होने के बाद बलरामपुर जिले में आदिवासी समुदाय के लोग जहां बेहद खुश हैं, वहीं भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है.
आदिवासी होने के बाद भी नहीं मिल रहा था फायदा: 25 जुलाई को राज्यसभा से छत्तीसगढ़ में समुदायों को एसटी सूची में शामिल करने का विधेयक पारित होने से प्रदेश के लगभग 72 हजार लोगों को लाभ होगा. पूरे देश में नगेसिया, पांडो, धनुवार समेत 12 ऐसी जातियां थीं, जिन्हें आदिवासी होते हुए भी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था. कई साल से ये जातियों बदलाव की मांग कर रही थीं. इसके लिए विभिन्न पार्टियों ने भी अपने अपने स्तर पर कोशिश की.
कई साल से यह प्रयास चल रहा था. 12 जातियों को आदिवासी का लाभ नहीं मिल पा रहा था. अब उन्हें इसका पूरा लाभ मिलेगा. -रेणुका सिंह, राज्यसभा सांसद
मात्रात्मक त्रुटि के कारण अब नहीं होगा नुकसान: आदिवासी होने के बाद भी नगेसिया, पांडो, धनुवार समेत 12 जातियों को मात्रात्मक त्रुटि के चलते आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था. इन जातियों को एसटी सूची में शामिल करने का विधेयक राज्यसभा में पारित होने के बाद स्थानीय लोगों के साथ ही भाजपा नेताओं ने केंद्रीय राज्य मंत्री, केंद्रीय आदिवासी मंत्री के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है.