सूरजपुर: कोरोना संकट ने जहां एक तरफ पूरी दुनिया में हाहाकार मचाया है, वहीं लोगों की प्रतिभाएं भी सामने आईं. सूरजपुर में इस लॉकडाउन के दौरान 13 शिक्षकों ने मिलकर कविताओं की एक किताब लिख डाली. ये सभी शिक्षक जिले के अलग-अलग सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं, जिन्होंने अपनी कला को नया रूप दिया है. इन्होंने अपनी काव्य कृति को 'अंतर्नाद-काव्य सरिता' का नाम दिया है. इस पुस्तक का प्रकाशन हरियाणा के पंचकूला में इंडियन वर्डस्मिथ पब्लिकेशन से कराया जा रहा है, जहां प्रकाशन का काम जारी है.
यह काव्य रचना 144 पेज की है, जो ऑनलाइन स्टोर के अलावा गूगल बुक और गूगल प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध रहेगी. पुस्तक के संकलन और समन्वय की जिम्मेदारी निभाने वाले हैं प्रधान पाठक और शिक्षक सीमांचल त्रिपाठी. वे कहते हैं कि इस विपरित परिस्थिति का सदुपयोग कर सभी 13 शिक्षकों के कविता लेखन का कार्य किया और सभी के साझा प्रयास से 'अंतर्नाद-काव्य सरिता' को स्वरूप मिल गया.
शिक्षा विभाग से विमोचन कराने की तैयारी
सीमांचल त्रिपाठी ने बताया कि काव्य सरिता में लोगों को कोरोना वायरस महामारी से संबंधित जानकारी और इस दौरान हुए तीज-त्योहारों के दृश्यों को जानने का मौका मिलेगा. ये कोशिश है कि पुस्तक का विमोचन शिक्षा विभाग की तरफ से कराया जाए.
कविता लेखन में शामिल शिक्षिका ऋचा गिरि भारती ने बताया कि किताब लेखन की शैली उनके पास पहले से ही थी, लेकिन लॉकडाउन ने उनको एक अच्छा अवसर दे दिया. जिसका फायदा उठाकर सभी 13 शिक्षकों ने लोगों के सामने अच्छी लेखनी रखने की कोशिश की, जो एक किताब के रूप में सबके सामने होगी.
शिक्षक से शिक्षक को मिली प्रेरणा
शिक्षक गोवर्धन सिंह ने बताया कि उन्होंने अपना पूरा समय कविता लेखन में ही लगा दिया. वे कहते हैं कि इस पुस्तक में लोगों को 13 शिक्षकों के मनोभाव और विचारों को पढ़ने का मौका मिलेगा. सभी शिक्षकों की प्रेरणा से उन्हें भी लिखने का अवसर मिला है. उन्होंने अपनी लिखी हुई कविताओं की किताब बनने की बात में खुशी जाहिर की और बताया कि जल्द ही काव्य रचनाएं प्रकाशित होकर लोगों के बीच पहुंचेगी.
पढ़ें- सूरजपुर शिक्षक संघ ने अनोखे तरीके से की वेतन बढ़ाने की मांग
सभी 13 शिक्षक बेमेतरा विकासखंड के अलग-अलग सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं.
विकासखंडवार शिक्षकों की संख्या
- भैयाथान से- 2
- रामानुजनगर से- 4
- प्रतापपुर से- 3
- प्रेमनगर से- 2
- सूरजपुर से- 2