सूरजपुर: नवपदस्थ कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने गुरुवार को बिश्रामपुर केनापारा में संचालित केनापारा पर्यटन स्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने बोटिंग करते हुए मत्स्य पालन का भी निरीक्षण किया. वहां के मत्स्य पालन से बहुत प्रभावित हुए और मछली के अलग-अलग ब्रीड का पालन करने और उसे बेचकर आय बढ़ाने का भी आग्रह किया.
![Surajpur Collector Gaurav Kumar Singh inspected Kenapara tourist place](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-srj-04-callector-img-cg10022_03062021193202_0306f_1622728922_306.jpeg)
कलेक्टर ने वहां कार्यरत महिला स्व सहायता समूह के आय को बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों की तलाश की. छोटी-छोटी दुकानों के लिए शेड निर्माण के लिए निर्देश दिए. महिला समूह द्वारा पीने के पानी की समस्या बताने पर PHE विभाग के माध्यम से पानी व्यवस्था कराने का आश्वासन भी दिया. महिला समूह ने कलेक्टर से एक बोट की मांग की. जिससे उन्हें जल्द ही दिलाने का आश्वासन भी दिया. NRLM की महिला समूहों के प्रोडक्ट की क्वॉलिटी बढ़ाने और ब्रांडिंग आदि से प्रोडक्ट के बिक्री बढ़ाने के निर्देश दिए.
केनापारा पर्यटन स्थल को और खूबसूरत बनाने के निर्देश
कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने केनापारा में बोंटिंग करते हुए वहां के कैंटिन का निरीक्षण किया. कैंटिन में अलग-अलग पार्लर जैसे- आईसक्रीम, जलेबी और भी फूड आदि से संबंधित पार्लर को भी शामिल करने को कहा. हाॅट्रीकल्चर विभाग का सर्वे कर विभिन्न प्रकार पेड़-पौधों, फूलों के बगीचों को लगाने के निर्देश दिए. केनापारा पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए.
![Surajpur Collector Gaurav Kumar Singh inspected Kenapara tourist place](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-srj-04-callector-img-cg10022_03062021193202_0306f_1622728922_140.jpeg)
सूरजपुर में कलेक्टर की फटकार के बाद कार्रवाई, कंटेनमेंट जोन में लोगों की आवाजाही बंद
सूरजपुर जिले में कोयले की केनापारा खदान में साल 1991 से SECL की तरफ से नवाचार के रूप में कोयले का भंडार खत्म होने के कारण कोयले का खनन बंद कर दिया गया था. जिला प्रशासन ने SECL के सहयोग से उपेक्षित खनन स्थल का आवश्यक जीर्णोद्धार कर इसे जल संरक्षण के उत्कृष्ट स्त्रोत में विकसित कर दिया है. वर्तमान में यहां बोटिंग, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की सुविधा उपलब्ध कराने और मत्स्य पालन जैसी गतिविधियां चल रही है. जिसमें स्व सहायता महिलाओं और आसपास के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराकर आय वृद्धि के नये अवसर सृजित किये गये है. जो कि छत्तीसगढ़ राज्य में एक माॅडल के रूप में चिन्हांकित किया गया है.