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टिड्डी दल से निपटने के लिए प्रशासन अलर्ट, लोगों को कर रहा जागरुक

कई राज्यों में उत्पात मचाने वाला टिड्डी दल छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में पहुंच चुका है और किसानों की फसल को बर्बाद कर रहा है. इसे देखते हुए सूरजपुर जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. साथ ही जिले के ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है.

locusts attack locusts attack
टिड्डियों का हमला
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Published : Jun 2, 2020, 4:56 PM IST

सूरजपुर: कई राज्यों में आतंक मचाने वाला टिड्डी दल मध्यप्रदेश की सीमा से होते हुए छत्तीसगढ़ के भी कुछ इलाकों में पहुंच चुका है. टिड्डी दल ने सोमवार को कोरिया के भरतपुर में काफी उत्पात मचाया है, जिसे देखते हुए सूरजपुर जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. साथ ही जिले के ग्रामीणों को लगातार जागरूक कर रहा है.

टिड्डी दल से निपटने के लिए प्रशासन अलर्ट

बता दें कि टिड्डियों का यह दल कई एकड़ में लगी फसलों को मिनटों में चट कर जाता है. टिड्डी दल से फसलों के बचाव के लिए उचित सलाह, मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए कृषि विभाग लगातार लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है. इसके लिए अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है. कृषि विभाग के मुताबिक प्रदेश की सीमा से लगे जिलों में टिड्डी दल के पहुंचने से फसलों को भारी नुकसान होने की संभावना है. टिड्डियों ने पहले से ही राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में उत्पात मचा रखा है.

क्या हैं टिड्डियां और कहां से आईं?

पूरी दुनिया में रेगिस्तानी टिड्डी के प्रकोप से लगभग तीन करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र प्रभावित है. इतने क्षेत्र में उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी अफ्रीकन देश, अरब देशों, अरेबियन पेनिनसुला, दक्षिणी सोवियत रूस, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत सहित करीब 64 देश शामिल हैं. सामान्य दिनों में जब इनका प्रभाव कम होता है तब भी यह 30 देशों के एक करोड़ 60 लाख वर्ग किमी क्षेत्र में पाई जाती हैं.

पढ़ें: टिड्डी दल से फसल को बचाने प्रशासन अलर्ट, कृषि विभाग ने बढ़ाई चौकसी

रेगिस्तानी टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला राजस्थान के जैसलमेर में 16 मई 2019 के बाद देखा गया. उस समय यह छितरी हुई अवस्था में थीं. भारत सरकार के टिड्डी नियंत्रण एवं अनुसंधान विभाग के अनुसार, मई 2019 में 246 जगहों पर सर्वे किया गया था, जिनमें से 46 स्थानों पर टिड्डी पाई गई थी. बीकानेर जिले के कुछ इलाकों में भी टिड्डी दल देखे गए थे.

सूरजपुर: कई राज्यों में आतंक मचाने वाला टिड्डी दल मध्यप्रदेश की सीमा से होते हुए छत्तीसगढ़ के भी कुछ इलाकों में पहुंच चुका है. टिड्डी दल ने सोमवार को कोरिया के भरतपुर में काफी उत्पात मचाया है, जिसे देखते हुए सूरजपुर जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. साथ ही जिले के ग्रामीणों को लगातार जागरूक कर रहा है.

टिड्डी दल से निपटने के लिए प्रशासन अलर्ट

बता दें कि टिड्डियों का यह दल कई एकड़ में लगी फसलों को मिनटों में चट कर जाता है. टिड्डी दल से फसलों के बचाव के लिए उचित सलाह, मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए कृषि विभाग लगातार लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है. इसके लिए अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है. कृषि विभाग के मुताबिक प्रदेश की सीमा से लगे जिलों में टिड्डी दल के पहुंचने से फसलों को भारी नुकसान होने की संभावना है. टिड्डियों ने पहले से ही राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में उत्पात मचा रखा है.

क्या हैं टिड्डियां और कहां से आईं?

पूरी दुनिया में रेगिस्तानी टिड्डी के प्रकोप से लगभग तीन करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र प्रभावित है. इतने क्षेत्र में उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी अफ्रीकन देश, अरब देशों, अरेबियन पेनिनसुला, दक्षिणी सोवियत रूस, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत सहित करीब 64 देश शामिल हैं. सामान्य दिनों में जब इनका प्रभाव कम होता है तब भी यह 30 देशों के एक करोड़ 60 लाख वर्ग किमी क्षेत्र में पाई जाती हैं.

पढ़ें: टिड्डी दल से फसल को बचाने प्रशासन अलर्ट, कृषि विभाग ने बढ़ाई चौकसी

रेगिस्तानी टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला राजस्थान के जैसलमेर में 16 मई 2019 के बाद देखा गया. उस समय यह छितरी हुई अवस्था में थीं. भारत सरकार के टिड्डी नियंत्रण एवं अनुसंधान विभाग के अनुसार, मई 2019 में 246 जगहों पर सर्वे किया गया था, जिनमें से 46 स्थानों पर टिड्डी पाई गई थी. बीकानेर जिले के कुछ इलाकों में भी टिड्डी दल देखे गए थे.

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