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आत्महत्या निवारण पर कार्यशाला का आयोजन

आत्महत्या निवारण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में आई समाज सेविका आरती धार ने इसपर अपनी राय रखी.

Suicide prevention workshop organized
आत्महत्या निवारण कार्यशाला का आयोजन
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Published : Feb 25, 2020, 9:00 PM IST

सूरजपुर: आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को लेकर आत्महत्या निवारण कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में आई समाज सेविका आरती धार ने बताया की वर्तमान में मीडिया सुसाइड के उपाय बताने में अहम भूमिका निभा रही है.

आत्महत्या निवारण कार्यशाला का आयोजन

कार्यशाला में कलेक्टर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि समाज में तनाव के कारणों की पहचान करना आवश्यक है. इस आधुनिक युग में प्रतिस्पर्धा भी तनाव का मुख्य कारण है. मौके पर उन्होंने कहा कि अगर उनकी कोशिशों से एक व्यक्ति की भी जान बच सके तो यहीं उनके अभियान की सार्थकता होगी.

बढ़ रहा है आत्महत्या का ग्राफ

दिल्ली से आई आरती धार ने बताया कि आत्महत्या करने के लिए मीडिया सबसे ज्यादा जिम्मेदार है, क्योंकि मीडिया लोगों को आत्महत्या करने की खबर को छपती है और कैसे आत्महत्या की गई उसकी जानकारी देती है, जिससे लोग प्रेरित होकर आत्महत्या करते हैं. वहीं आरती धार ने बताया कि प्रिंट मीडिया अपने हेडिंग को रोमांचक बनाकर लोगों के सामने पेश करती है. आरती धार ने प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से अनुरोध किया कि हो सके तो आत्महत्या जैसी खबरों को न छापें और न ही टीवी पर दिखाएं क्योंकि लोग टीवी में देख कर आत्महत्या के तरीके को अपनाते हैं. इससे देश में आत्महत्या का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ में आत्महत्या की बात करें तो छत्तीसगढ़ आत्महत्या के मामले में चौथे स्थान पर है.

सूरजपुर: आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को लेकर आत्महत्या निवारण कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में आई समाज सेविका आरती धार ने बताया की वर्तमान में मीडिया सुसाइड के उपाय बताने में अहम भूमिका निभा रही है.

आत्महत्या निवारण कार्यशाला का आयोजन

कार्यशाला में कलेक्टर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि समाज में तनाव के कारणों की पहचान करना आवश्यक है. इस आधुनिक युग में प्रतिस्पर्धा भी तनाव का मुख्य कारण है. मौके पर उन्होंने कहा कि अगर उनकी कोशिशों से एक व्यक्ति की भी जान बच सके तो यहीं उनके अभियान की सार्थकता होगी.

बढ़ रहा है आत्महत्या का ग्राफ

दिल्ली से आई आरती धार ने बताया कि आत्महत्या करने के लिए मीडिया सबसे ज्यादा जिम्मेदार है, क्योंकि मीडिया लोगों को आत्महत्या करने की खबर को छपती है और कैसे आत्महत्या की गई उसकी जानकारी देती है, जिससे लोग प्रेरित होकर आत्महत्या करते हैं. वहीं आरती धार ने बताया कि प्रिंट मीडिया अपने हेडिंग को रोमांचक बनाकर लोगों के सामने पेश करती है. आरती धार ने प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से अनुरोध किया कि हो सके तो आत्महत्या जैसी खबरों को न छापें और न ही टीवी पर दिखाएं क्योंकि लोग टीवी में देख कर आत्महत्या के तरीके को अपनाते हैं. इससे देश में आत्महत्या का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ में आत्महत्या की बात करें तो छत्तीसगढ़ आत्महत्या के मामले में चौथे स्थान पर है.

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