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लाख कोशिशों के बाद भी नहीं थम रहा है सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग

सूरजपुर जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक बंद करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन दुकानदार और फुटपाथ व्यापारी धड़ल्ले से प्लास्टिक इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं प्रशासन भी इस मामले में लाचार दिख रहा है.

Single use plastic is not stopping
नहीं रुक रहा है सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल
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Published : Jan 16, 2020, 11:27 AM IST

Updated : Jan 16, 2020, 3:21 PM IST

सूरजपुर: देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगी है. इसके लिए तमाम जिलों में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में इस अभियान का कोई फायदा होते नहीं दिख रहा है. जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी यहां धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है.

लाख कोशिशों के बाद भी नहीं थम रहा है सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग

सूरजपुर को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए कई साल से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिला प्रशासन इस अभियान में करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रहा है. जागरूकता अभियान के बावजूद जिले के ज्यादातर दुकानदार और फुटकर व्यापारी धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं.

जागरुक नहीं हो रही जनता!

मामले में जब ETV भारत की टीम ने सूरजपुर जिला पंचायत के सीईओ अश्वनी देवांगन से बात की तो उन्होंने बताया, 'प्लास्टिक मुक्त जिला बनाने के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा शहर में एसएलआरएम सेंटर भी बनाए गए हैं, जहां प्लास्टिक की छंटनी भी की जा रही है, लेकिन अभी लोगों में जागरूकता नहीं आई है.'

पढ़े: नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए सेलम में बनाई जाती है सजावटी और निर्माण सामग्री

सूरजपुर: देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगी है. इसके लिए तमाम जिलों में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में इस अभियान का कोई फायदा होते नहीं दिख रहा है. जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी यहां धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है.

लाख कोशिशों के बाद भी नहीं थम रहा है सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग

सूरजपुर को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए कई साल से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिला प्रशासन इस अभियान में करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रहा है. जागरूकता अभियान के बावजूद जिले के ज्यादातर दुकानदार और फुटकर व्यापारी धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं.

जागरुक नहीं हो रही जनता!

मामले में जब ETV भारत की टीम ने सूरजपुर जिला पंचायत के सीईओ अश्वनी देवांगन से बात की तो उन्होंने बताया, 'प्लास्टिक मुक्त जिला बनाने के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा शहर में एसएलआरएम सेंटर भी बनाए गए हैं, जहां प्लास्टिक की छंटनी भी की जा रही है, लेकिन अभी लोगों में जागरूकता नहीं आई है.'

पढ़े: नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए सेलम में बनाई जाती है सजावटी और निर्माण सामग्री

Intro:सूरजपुर में सिंगल विच प्लास्टिक बंद करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है लेकिन दुकानदार और फुटपाथ व्यापारी धड़ल्ले से प्लास्टिक इस्तेमाल कर रहे हैंBody:सूरजपुर को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए कई साल से जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है प्रशासन इस अभियान के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है जिला प्रशासन के जागरूकता अभियान के बावजूद दुकानदार और फुटकर व्यापारी बेखौफ धड़ल्ले से राष्ट्रीय का इस्तेमाल कर रहे हैं इसे लेकर प्रशासन लोगों में जागरूकता की कमी मान रही है वही ईटीवी भारत ने जब मामले में जानकारी लेने के लिए सूरजपुर जिला पंचायत के सीईओ अश्वनी देवांगन से बात की तो उन्होंने बताया कि प्लास्टिक मुक्त जिला बनाने के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है इसके अलावा शहर में एस एल आर एम सेंटर बनाए गए हैं जहां उपयोग में आ रहे प्लास्टिक की छटनी की जाती है साथ ही समय-समय पर लोगों को प्लास्टिक के उपयोग ना करने के लिए और उपयोग से पैदा होने वाले समस्याओं से अवगत करा रहे हैं उन्होंने कहा कि अभियान के बाद भी लोगों में जागरूकता नहीं आ रही है और शक्ति की बात की है एसएलआर एम सेंटर बनाए गए हैं जहां उपयोग में आ रहे प्लास्टिक की चटनी की जाती है साथ ही समय-समय पर लोगों को प्लास्टिक के उपयोग ना करने के लिए और उपयोग के बाद पैदा होने वाले समस्याओं से अवगत करा रहा है उन्होंने बताया कि अभियान के बाद भी लोगों में जागरूकता नहीं आने पर सब्जी लाने की बात की सेंसर बनाए गए जहां युग उपयोग में आ रहे फास्ट की चटनी की जाती है साथी समय-समय पर लोगों को प्लास्टिक के उपयोग ना करने के लिए और उपयोग के बाद पैदा होने वाले समस्याओं से आवत करा रहा है उन्होंने बताया कि अभियान के बाद भी लोगों में जग उठा नहीं आने पर शक्ति लाने की बात की जिला प्रशासन स्वच्छता को लेकर करोड़ों खर्च कर रहे हैं लेकिन जिले में प्लास्टिक की वजह से स्वच्छता नहीं देखने को मिल रही है प्लास्टिक को ऐसे जगह फेंका जा रहा है जा मवेशी प्लास्टिक को खाकर मवेशियों की मौत भी हो रही है जिससे जिला प्रशासन बेखौफ है Conclusion:अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस अभियान को लेकर कब गंभीर होता है और जिले को कब तक प्लास्टिक मुक्त बना पाती है
Last Updated : Jan 16, 2020, 3:21 PM IST
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