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केद्रों से धान का उठाव नहीं, मौसम ने खड़ी की परेशानी - छत्तीसगढ़ में धान खरीदी

सूरजपुर जिले में धान खरीदी केंद्रों में धान भरा पड़ा है. उठाव नहीं होने और शेड के अभाव से धान खुले में ही रखा हुआ है. बदलता मौसम भी धान केंद्रों के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है.

shortage of sheds in paddy procurement centers in Surajpur district
धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था
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Published : Jan 29, 2021, 10:05 AM IST

Updated : Jan 29, 2021, 2:39 PM IST

सूरजपुर: जिले के अधिकांश धान खरीदी केंद्रों में शेड की कमी के कारण धान खुले में ही पड़ा हुआ है. इसके साथ ही धान का उठाव ना होना भी धान भंडारण में एक बड़ी समस्या बना हुआ है. कई जगहों पर बारिश से धान भीगने की खबरें भी मिल रही हैं.

केद्रों से धान का उठाव नहीं

शेड की कमी और मौसम बना बड़ी समस्या

ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों का यही हाल है. खुले में धान पड़ा हुआ है. मौसम के बदलाव के कारण बारिश होने से खरीदी केंद्रों का पूरा धान खराब हो सकता है. ग्राम पंचायत के सरपंच ने भी बताया कि धान खरीदी तो ठीक चल रही है, लेकिन बारिश की आशंका बनी हुई है. ऐसे में अगर समय पर उठाव नहीं हुआ तो पूरा धान बर्बाद हो सकता है.प्रशासन भी धीमी गति से काम कर रहा है. दरअसल खरीदी केंद्रों से धान का उठाव ना के बराबर है, जिससे केंद्रों में धान जाम हो गया है.

बलौदाबाजार में बारिश से भीगा धान

बलौदाबाजार जिले में बेमौसम बारिश से लाखों का धान बारिश में भीग कर खराब हो गया. धान खरीदी केंद्रों में धान जाम को लेकर पूरे प्रदेश में गहमागहमी का माहौल है. इसे लेकर विपक्ष लगातार हमलावर बना हुआ है.

shortage of sheds in paddy procurement centers in Surajpur
धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था

पढ़ें: भूपेश सरकार ने 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य किया पूरा: अमरजीत भगत

90 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा ही धान खरीदी

सरकार ने 90 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा ही धान खरीदी की है.भूपेश बघेल कि नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने 2020-21 में समय से पहले ही 90 लाख मीट्रिक टन धान कि खरीदी कर ली है. खाद्य मंत्री भगत ने कहा कि धान खरीदी अभी वादे के अनुसार 31 जनवरी तक चलेगी.

42 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव

छत्तीसगढ़ में धान का उठाव 42 लाख मीट्रिक टन हुआ है. 46 लाख 64 हजार मीट्रिक टन धान अभी खरीदी केंद्र में है. 28 लाख मीट्रिक टन धान मिलर्स को दिया गया है, जबकि 13 लाख 68 हजार मीट्रिक टन संग्रहण केंद्र में गया है.

सूरजपुर: जिले के अधिकांश धान खरीदी केंद्रों में शेड की कमी के कारण धान खुले में ही पड़ा हुआ है. इसके साथ ही धान का उठाव ना होना भी धान भंडारण में एक बड़ी समस्या बना हुआ है. कई जगहों पर बारिश से धान भीगने की खबरें भी मिल रही हैं.

केद्रों से धान का उठाव नहीं

शेड की कमी और मौसम बना बड़ी समस्या

ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों का यही हाल है. खुले में धान पड़ा हुआ है. मौसम के बदलाव के कारण बारिश होने से खरीदी केंद्रों का पूरा धान खराब हो सकता है. ग्राम पंचायत के सरपंच ने भी बताया कि धान खरीदी तो ठीक चल रही है, लेकिन बारिश की आशंका बनी हुई है. ऐसे में अगर समय पर उठाव नहीं हुआ तो पूरा धान बर्बाद हो सकता है.प्रशासन भी धीमी गति से काम कर रहा है. दरअसल खरीदी केंद्रों से धान का उठाव ना के बराबर है, जिससे केंद्रों में धान जाम हो गया है.

बलौदाबाजार में बारिश से भीगा धान

बलौदाबाजार जिले में बेमौसम बारिश से लाखों का धान बारिश में भीग कर खराब हो गया. धान खरीदी केंद्रों में धान जाम को लेकर पूरे प्रदेश में गहमागहमी का माहौल है. इसे लेकर विपक्ष लगातार हमलावर बना हुआ है.

shortage of sheds in paddy procurement centers in Surajpur
धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था

पढ़ें: भूपेश सरकार ने 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य किया पूरा: अमरजीत भगत

90 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा ही धान खरीदी

सरकार ने 90 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा ही धान खरीदी की है.भूपेश बघेल कि नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने 2020-21 में समय से पहले ही 90 लाख मीट्रिक टन धान कि खरीदी कर ली है. खाद्य मंत्री भगत ने कहा कि धान खरीदी अभी वादे के अनुसार 31 जनवरी तक चलेगी.

42 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव

छत्तीसगढ़ में धान का उठाव 42 लाख मीट्रिक टन हुआ है. 46 लाख 64 हजार मीट्रिक टन धान अभी खरीदी केंद्र में है. 28 लाख मीट्रिक टन धान मिलर्स को दिया गया है, जबकि 13 लाख 68 हजार मीट्रिक टन संग्रहण केंद्र में गया है.

Last Updated : Jan 29, 2021, 2:39 PM IST
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