सूरजपुर: जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ ही अस्पताल में बेड की संख्या कम पड़ने लगी है. जिला प्रशासन ने लाइवलीहुड कॉलेज को अस्थाई कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया था और बिश्रामपुर के SECL अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाए जाने का निर्णय लिया गया था. अस्पताल में कोविड पॉजिटिव मरीजों के इलाज की बात का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.
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जिला कलेक्टर ने सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर स्थित केंद्रीय अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाने का फैसला किया है. इसे लेकर लोगों में भय का वातावरण निर्मित हो गया है. लोगों का कहना है कि कोविड अस्पताल बन जाने से उन्हें संक्रमण का खतरा अधिक होगा. उनके क्षेत्र में ये अस्पताल है जहां वे इलाज कराते हैं अब सामान्य बीमारियों के लिए उन्हें दूर जाना पड़ेगा. इस मसले को लेकर अब श्रमिक संगठन भी आंदोलन की चेतावनी दे रहा है.
बता दें कि लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने की वजह से जिला अस्पताल में बने 100 बेडे चाइल्ड अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बना दिया गया था, जो अब फुल हो गया है. जिले में 700 बेड कोरोना केयर सेंटर बनाया गया है. कोविड-19 अस्पताल फूल हो जाने की स्थिति में गंभीर मरीजों के इलाज के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, इसे देखते हुए बिश्रामपुर के एसईसीएल अस्पताल को कोविड अस्पताल में बदलने का फैसला लिया गया था जहां गंभीर मरीजों का इलाज किया जा सके.
सूरजपुर में एक हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव
जिले में अब तक कुल 1025 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है. जिले में गुरुवार को 45 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है. एक्टिव केस की अगर बात करें तो शहर में 538 मरीजों का इलाज जारी है. अब तक जिले में कोरोना संक्रमण से 4 मरीजों की मौत हो चुकी है.