सूरजपुर: एसईसीएल (Secl) में वन महोत्सव (Forest Festival) मनाया गया. एक बार फिर सूरजपुर में पौधारोपण के नए कीर्तिमान रचे जा रहे हैं. पिछले तीन सालों में एसईसीएल भटगांव (SECL Bhatgaon) ने दो लाख से ज्यादा पेड़ लगाकर उनकी देखरेख करने का काम कर रहा है. इस साल 65 हजार पौधों का रोपण करने का लक्ष्य रखा गया है.
दरअसल, पर्यावरण के संतुलन के लिए वृक्षों की जरुरत कोरोना काल ने हर किसी को समझा दिया है. ऐसे में पेड़ों के महत्व को लोग समझ चुके हैं, लेकिन कई बार वन महोत्सव जैसे कार्यक्रम केवल दिखावा मात्र साबित हो रहे हैं. वहीं सूरजपुर जिले का कोयलांचल क्षेत्र पिछले कई वर्षो से पौधारोपण को लेकर कीर्तिमान रच रहा है. जहां पिछले तीन सालों में एसईसीएल भटगांव ने ही दो लाख से ज्यादा पेड़ लगाकर रिकॉर्ड बनाया है.
इस साल 65 हजार पौधों का रोपण करने का लक्ष्य रखा गया है. जहां एसईसीएल भटगांव के महाप्रबंधक एसएम झा (SM Jha, General Manager, SECL Bhatgaon) ने बताया कि, एसईसीएल जितना कोयला उत्पादन करता है उससे ज्यादा पौधा रोपण कर प्रकृति के संतुलन बनाने की जिम्मेदारी भी उठा रहा है. ऐसे में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पौधारोपण किया जा रहा है. अब तो फलदार वृक्षों (fruit trees) पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. जिससे कि आने वाले दिनों में ग्रामीणों को इन फलदार पौधो से आमदनी भी हो सकेगी.
सूरजपुर जिले में एसईसीएल कंपनी (SECL Company) विकास से लेकर पर्यावरण संतुलन बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाती है. जिले का वन विभाग भी कोल कंपनी की पौधारोपण में अहमियत की तारीफ करते नहीं चुकते. बहरहाल, सूरजपुर जिले में पौधारोपण अभियान तो कई चलाए जाते हैं.