सूरजपुर : लाइब्रेरी का नाम सुनते ही सबसे पहले आपके दिमाग में क्या आता है. एक ऐसी जगह जहां हर तरह की पुस्तकों का भंडार हो, लेकिन सूरजपुर का पहुंचविहीन बिहारपुर इससे कोसों दूर था. यहां के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए न तो पुस्तकें उपलब्ध हो पाती थीं और न ही लाइब्रेरी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. कलेक्टर की एक पहल से स्टूडेंट्स एक क्लिक पर घर बैठे पुस्तक मंगा सकते हैं और वो होगा कैसे ये हम आपको बताते हैं.
कलेक्टर दीपक सोनी की पहल से जिले में पुस्तक दान महाअभियान की शुरुआत की गई है, जिसके तहत कलेक्टर ऑफिस में एक दान पेटी रखी गई है, जिसमें कोई भी व्यक्ति पुस्तक का दान कर सकता है. साथ ही सभी अधिकारी और कर्मचारियों से निवेदन किया गया है, जिन पुस्तकों की जरूरत नहीं है वे उन पुस्तकों को दान कर दें, ताकि वो दूसरों के काम आ सकें.
ऑनलाइन बुक उपलब्ध
पहल के तहत जिले के शासकीय कन्या स्कूल सूरजपुर में ई-लाइब्रेरी की शुरुआत भी की गई है, जिसमें दान की गई 350 किताबों को रखा गया है. इस ई-लाईब्रेरी को सेंट्रल लाईब्रेरी और जिले के अन्य स्कूलों से भी जोड़ दिया गया है, ताकि दूरस्थ इलाकों में मौजूद कोई स्टूडेंट जब ऑनलाइन किसी बुक की डिमांड करे तो उसे घर बैठे एक-दो दिनों में किताब उपलब्ध करवाई जा सके.
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राहें हुआ आसान
छात्रों का कहना है कि, 'इस पहल से वे सिर्फ अपने कोर्स की ही नहीं बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी घर बैठे कर लेंगे. इससे वे हर तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले सकेंगे और उनका भविष्य भी बेहतर होगा'.
कैसे काम करेगी ई-लाइब्रेरी?
- ई लाईब्रेरी के लिए एक टीम गठित की गई है, जिसमें 10 सदस्य हैं. ये सभी सदस्य आपस में मिलकर काम करेंगे, जिससे ई लाईब्रेरी की ऑनलाइन बुकिंग में किसी तरह की समस्या न आए.
- कलेक्टर ने बताया कि जो पुस्तके दान की जाएंगी, उन्हें लाईब्रेरी में रखवाया जाएगा, ताकि बच्चों को मदद मिल सके. पुस्तक दान महाअभियान में अब तक 350 पुस्तकें दान की जा चुकी हैं, जिन किताबों को सूरजपुर की ई लाइब्रेरी में जमा करवा दिया गया है.
- जहां पहले दूरस्थ इलाकों में रहने वाले छात्र-छात्राएं किताबें नहीं होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते थे, वहीं अब कलेक्टर की इस सराहनीय पहल से उन्हें अपने भविष्य को सुनहरा बनाने का मौका मिला है.