ETV Bharat / state

सूरजपुर: एसईसीएल कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

भटगांव और विश्रामपुर में बुधवार को श्रमिक संगठन हड़ताल पर बैठे रहे. श्रमिकों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

SECL workers protested against the policies of the central government
एसईसीएल कर्मियों का प्रदर्शन
author img

By

Published : Nov 26, 2020, 9:34 PM IST

सूरजपुर: एसईसीएल भटगांव और विश्रामपुर में बुधवार को श्रमिक संगठन सभी कोयला खदानों में काम बंद कर एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. दरअसल केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानून में किए गए बदलाव को लेकर एसईसीएल (SECL) भटगांव और विश्रामपुर के पांच श्रमिक संगठनों ने हड़ताल की. श्रमिकों की इस हड़ताल से खदानों का काम प्रभावित हुआ.

11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन

श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार पर मजदूर विरोधी कानून पारित करने का आरोप लगाया है. साथ ही निजीकरण करने के फैसले को हटाने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

पढ़ें: रायपुर: छत्तीसगढ़ के ट्रेड यूनियन ने भी दिया देशव्यापी हड़ताल को समर्थन

फैसला वापस लेने की मांग

खदानों के गेट पर तीनों पालियों में श्रमिक प्रदर्शन करते नजर आए. श्रमिक नेताओं ने कहा कि यदि केंद्र सरकार श्रम कानून में बदलाव के फैसले को वापस नहीं लेगी, तो आगे चलकर और भी उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिससे होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी.

पढ़ें: दंतेवाड़ा: राष्ट्रव्यापी हड़ताल को NMDC किरंदुल के श्रम संगठनों का समर्थन, उत्पादन ठप

सरकार को नुकसान

कोल श्रमिकों की इस हड़ताल से जिले के दर्जनभर कोल खदानों का काम प्रभावित रहा. जिससे सरकार को लाखो रुपये का नुकसान हुआ. श्रम नीति में बदलाव के बाद से ही देश भर के मजदूरों में केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी है. इसके साथ ही श्रमिकों ने ट्रेड यूनियन के नेतृत्व में किए गए देशव्यापी हड़ताल का भी सभी मजदूर संगठनों ने समर्थन किया. पूरे प्रदेश में भी आज केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल की गई.

सूरजपुर: एसईसीएल भटगांव और विश्रामपुर में बुधवार को श्रमिक संगठन सभी कोयला खदानों में काम बंद कर एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. दरअसल केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानून में किए गए बदलाव को लेकर एसईसीएल (SECL) भटगांव और विश्रामपुर के पांच श्रमिक संगठनों ने हड़ताल की. श्रमिकों की इस हड़ताल से खदानों का काम प्रभावित हुआ.

11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन

श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार पर मजदूर विरोधी कानून पारित करने का आरोप लगाया है. साथ ही निजीकरण करने के फैसले को हटाने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

पढ़ें: रायपुर: छत्तीसगढ़ के ट्रेड यूनियन ने भी दिया देशव्यापी हड़ताल को समर्थन

फैसला वापस लेने की मांग

खदानों के गेट पर तीनों पालियों में श्रमिक प्रदर्शन करते नजर आए. श्रमिक नेताओं ने कहा कि यदि केंद्र सरकार श्रम कानून में बदलाव के फैसले को वापस नहीं लेगी, तो आगे चलकर और भी उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिससे होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी.

पढ़ें: दंतेवाड़ा: राष्ट्रव्यापी हड़ताल को NMDC किरंदुल के श्रम संगठनों का समर्थन, उत्पादन ठप

सरकार को नुकसान

कोल श्रमिकों की इस हड़ताल से जिले के दर्जनभर कोल खदानों का काम प्रभावित रहा. जिससे सरकार को लाखो रुपये का नुकसान हुआ. श्रम नीति में बदलाव के बाद से ही देश भर के मजदूरों में केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी है. इसके साथ ही श्रमिकों ने ट्रेड यूनियन के नेतृत्व में किए गए देशव्यापी हड़ताल का भी सभी मजदूर संगठनों ने समर्थन किया. पूरे प्रदेश में भी आज केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल की गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.