सूरजपुर: एसईसीएल भटगांव और विश्रामपुर में बुधवार को श्रमिक संगठन सभी कोयला खदानों में काम बंद कर एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. दरअसल केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानून में किए गए बदलाव को लेकर एसईसीएल (SECL) भटगांव और विश्रामपुर के पांच श्रमिक संगठनों ने हड़ताल की. श्रमिकों की इस हड़ताल से खदानों का काम प्रभावित हुआ.
11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन
श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार पर मजदूर विरोधी कानून पारित करने का आरोप लगाया है. साथ ही निजीकरण करने के फैसले को हटाने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.
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फैसला वापस लेने की मांग
खदानों के गेट पर तीनों पालियों में श्रमिक प्रदर्शन करते नजर आए. श्रमिक नेताओं ने कहा कि यदि केंद्र सरकार श्रम कानून में बदलाव के फैसले को वापस नहीं लेगी, तो आगे चलकर और भी उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिससे होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी.
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सरकार को नुकसान
कोल श्रमिकों की इस हड़ताल से जिले के दर्जनभर कोल खदानों का काम प्रभावित रहा. जिससे सरकार को लाखो रुपये का नुकसान हुआ. श्रम नीति में बदलाव के बाद से ही देश भर के मजदूरों में केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी है. इसके साथ ही श्रमिकों ने ट्रेड यूनियन के नेतृत्व में किए गए देशव्यापी हड़ताल का भी सभी मजदूर संगठनों ने समर्थन किया. पूरे प्रदेश में भी आज केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल की गई.