सूरजपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के मद्देनजर धार्मिक संगठनों की अपील का असर शुक्रवार को नमाज-ए-जुमा के दौरान देखने को मिला. मुस्लिम संगठनों ने जुमे की नमाज अदा ना करने का ऐलान किया, जबकि ये नमाज बहुत ही अहम मानी जाती है. इसके बावजूद मुस्लिम संगठनों ने आज जुमे की नमाज नहीं पढ़ने का फैसला लेते हुए कोविड-19 को हराने के लिए घर में बैठकर ही नमाज पढ़ें और मुल्क की सलामती की दुआ की.
अंजुमन इस्लामिया कमेटी जामा मस्जिद से संबंधित किसी भी मस्जिद में दोपहर को नमाज-ए-जुमा नहीं हुआ. महागामा, मानपुर, बिश्रामपुर, भटगांव, प्रतापपुर, जरही, श्रीनगर, देवनगर, सुरता, पौड़ी, जून, नवापारा समेत जिले के सभी प्रमुख शहरों, कस्बों और गांवों में अधिकांश मस्जिद आम लोगों के लिए बंद हैं, लेकिन मस्जिदों में नमाज-ए-जुमा के अजान की आवाज क्षेत्र में गूंजी. वहां भी इसकी अवधि मात्र 25 मिनट तक सीमित रखी गई है.
धार्मिक संगठनों ने रद्द की जुमे की नमाज
नमाजियों ने आपस में हाथ मिलाने या एक-दूसरे से गले मिलने के बजाय एक-दूसरे से दूरी बनाए रखी. एक-दूसरे का अभिवादन भी दूर से ही सलाम और आदाब से किया. नमाज के संपन्न होते ही लोग रुके नहीं, बल्कि सीधे अपने घरों के लिए रवाना हो गए. नमाज से पहले खुतवा भी चंद मिनट के लिए ही किया जा रहा है. वहीं जामा मस्जिद के सदर साहिल सिद्दिकी ने बताया कि लोग अपने घर में ही नमाज अदा कर मुल्क की सलामती के लिए दुआ मांगेंगे.