सूरजपुर : जिले के प्रेम नगर पुलिस ने एक नाबालिग लड़की को उत्तर प्रदेश के नोएडा से छुड़ाने में सफलता हासिल की है. महिला उत्पीड़न के मामले में सूरजपुर जिले की स्थिति बेहद खराब है. जिले में हर इलाके से बच्चे और महिलाएं लापता हो रही है. कुछ महिलाओं को नौकरी के नाम पर दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है. जिले में मानव तस्करी के मामले भी आते रहते हैं जिस पर समय-समय पर पुलिस कार्रवाई कर रही हैं.
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पिछले 3 सालों की बात की जाए तो सूरजपुर जिले में 19 लड़के और 162 लड़कियों के अपहरण के मामले दर्ज हैं. 438 महिलाओं के गुमशुदगी दर्ज की गई है, जिसमें से 98 महिलाओं की तलाश नहीं की जा सकी है. पुलिस ने मानव तस्करी पर कार्रवाई करते हुए 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि जिले में बच्चों के अपहरण और मानव तस्करी के मामले कम नहीं हो रहे हैं.
पिछले 3 साल के आंकड़े
- 2018 में कुल 8 लड़के 49 लड़कियों का अपहरण हुआ. जबकि 141 महिलाएं गायब हुई.
- 2019 में 9 लड़के 7 लड़कियों के अपहरण के मामले दर्ज किए गए. जबकि 143 महिलाओं की गुमशुदगी दर्ज की गई.
- 2020 में नवंबर तक दो लड़के और 53 लड़कियों का अपहरण हुआ और 154 महिलाएं लापता हुई.
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पिछले 3 साल में जिले में 181 बच्चों का अपहरण हुआ. 438 महिलाओं के गायब होने का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कई राज्यों में कार्रवाई करते हुए 175 बच्चों को बरामद किया. 340 महिलाओं की भी घर वापसी कराई गई, लेकिन आज भी 6 लड़कियां और 98 महिलाओं की जानकारी पुलिस के पास नहीं है.
55 लोगों को मानव तस्करी से छुड़वाया
अपहरण के सभी मामले मानव तस्करी से संबंधित नहीं है, लेकिन सूरजपुर जिला मानव तस्करी को लेकर भी बदनाम रहता है. मानव तस्करी के मामले में पिछले 3 सालों में 19 अपराधियों पर कार्रवाई की गई है. 5 नवंबर 2020 को ही स्थानीय लोगों ने जिले के बिहारपुर इलाके में 55 लोगों को मानव तस्करी से छुड़वाया था, जिसमें 31 नाबालिग थे. पुलिस पर लगातार आरोप लगते हैं कि वह इन मामलों को गंभीरता से नहीं लेती है, जिसकी वजह से ऐसे मामलों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. पुलिस के अनुसार जैसे ही उनको इन मामलों की जानकारी मिलती है वह तुरंत कार्रवाई करते हैं. पुलिस की कई टीम देश के कई राज्यों में जाकर कई महिलाओं और बच्चों को छुड़ाने में सफलता हासिल की हैं.