सूरजपुर: एसईसीएल पर ग्रामीणों का शोषण किए जाने का आरोप लगाते हुए सुरजपुर में संसदीय सचिव और सामरी विधायक चिंतामणि महाराज (Chintamani Maharaj) कोयला खदान के मुख्य गेट पर धरने में बैठ गए हैं. संसदीय सचिव के साथ बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण भी इस धरने में शामिल रहे.
सामरी विधायक चिंतामणि महाराज ने एसईसीएल (South Eastern Coalfields) प्रबंधक पर आरोप लगाया कि कोयला खदान के लिए जिन ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था. उन्हें इसके एवज में मुआवजा के साथ ही नौकरी देने का प्रावधान है, लेकिन एसईसीएल प्रबंधन द्वारा इन ग्रामीणों को नौकरी नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन को आसपास के गांव के विकास के लिए सीएसआर फंड दिया जाता है, ताकि कोयला खदान इलाके के आसपास के गांवों में विकास कार्य किए जा सके, लेकिन यह भी नहीं हो रहा है.
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चिंतामणि महाराज का आरोप है कि इसके लिए उन्होंने कई बार प्रबंधन से बातचीत की थी और उन्हें कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. जिसको लेकर संसदीय सचिव मंत्री नाराज हो गए और वह आज अपने समर्थकों के साथ कोयला खदान के मुख्य गेट पर धरने में बैठ गए.
चिंतामणि महाराज के धरने पर बैठने के बाद एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया था. आनन-फानन में एसईसीएल के जीएम, एसडीएम, तहसीलदार सहित सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंच कर चिंतामणि महाराज को मनाने में जुट गए थे. हालांकि सभी अधिकरियों ने चिंतामणि महाराज को मनाने की तमाम कोशिशें की लेकिन वह अपनी मांग पर अड़े रहे.