सूरजपुर : प्रतापपुर मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर चिटका बहरा जंगल में हाथियों के हमले से एक नाबालिग ने दम तोड़ दिया. प्रिया नाम की 12 साल की बच्ची गरजनडिह पारा की रहने वाली थी.
प्रिया रविवार सुबह लकड़ी पारा से सटी झाड़ियों में लकड़ी चुनने गई थी. इसी बीच जंगली हाथियों ने उस पर हमला कर दिया. प्रिया की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीणों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक हाथी के हमले से वह बुरी तरह घायल हो चुकी थी. वन विभाग के कर्मचारियों ने उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. प्रिया को अंबिकापुर रेफर किया गया लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
हाथी और इंसानों में द्वंद्व
हाथियों की समस्या क्षेत्र में कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. हाथियों और इंसानों के बीच द्वन्द में लगातार आए दिन कभी लोग तो कभी हाथी मारे जा रहे हैं. सरकार हाथियों के नियंत्रण के लिए पैसे पानी की तरह बहा रही है, लेकिन धरातल में इसका असर दिख नहीं रहा है.
लोकसभा में अगस्त 2019 में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक
हाथी के हमले में इंसानों की मौत
- 2016-17 में 74 लोगों की मौत
- 2017-18 में 74 लोगों की मौत
- 31 मार्च 2019 तक 56 लोगों की मौत
- 2016 से अबतक 200 से ज्यादा लोगों की मौत
- छत्तीसगढ़ में 3 साल में 204 लोगों की मौत
- देश में 3 साल में 1,474 लोगों की मौत
छत्तीसगढ़ चौथे नंबर पर
- 3 साल में असम 274 लोगों की मौत
- ओडिशा में 243 लोगों की मौत
- झारखंड में 230 लोगों की मौत
- छत्तीसगढ़ में 204 लोगों की मौत
- पश्चिम बंगाल में 202 लोगों की मौत