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Surajpur में निजी स्कूलों को तीन वर्षों से नहीं मिला RTE का भुगतान, संचालकों ने खोला मोर्चा

सूरजपुर के निजी स्कूलो में तीन वर्षों से आरटीई के तहत भुगतान नहीं किया गया (No payment under RTE for three years in Surajpur). सभी निजी स्कूल के संचालकों ने सोमवार को एक दिवसीय प्रदर्शन किया (Surajpur Private school operators protest). संचालकों ने कहा कि आरटीई के तहत लंबित पड़े मामलों का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए नहीं तो आंदोलन करेंगे. सूरजपुर में निजी स्कूल संचालकों के प्रदर्शन में कई संचालक शामिल हुए.

Demonstration of school operators in Surajpur
सूरजपुर में स्कूल संचालकों का प्रदर्शन
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Published : Dec 12, 2022, 9:02 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 4:25 PM IST

सूरजपुर में स्कूल संचालकों का प्रदर्शन

सूरजपुर: कोरोना काल के बाद से ही सूरजपुर के निजी स्कूल संचालक आरटीई के तहत राशि के भुगतान की मांग (Demand for payment of amount under RTE) करते आ रहे हैं. ऐसे में सौ से ज्यादा निजी स्कूल संचालक आज धरना प्रदर्शन कर राशि भुगतान की मांग की है. वहीं राशि भुगतान नहीं होने के स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

यह भी पढ़ें: कोरबा में स्टेट लेवल खो खो चैंपियनशिप का आगाज, 6 यूनिवर्सिटी से दस टीमें शामिल

आरटीई क्या है: वह गरीब बच्चे जो प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ पा रहे थे. उनको देखते हुए संविधान में संशोधन करते हुए ऐसे बच्चे जो अति गरीब होते हैं उनके लिए एक बिल लाया गया जिसे आरटीई का नाम दिया गया. जिसका मतलब होता है शिक्षा पर सबका अधिकार यह बिल 2009 में लाया गया था. जिसके बाद से ही देश भर में आरटीई में गरीब बच्चों का दाखिला मिलने लगा और बच्चे अब प्राइवेट स्कूलों में भी पढ़ने लगे. जिससे शिक्षा की गुणवत्ता भी बड़ी और स्कूल संचालक भी अपने स्कूल के सीट में से 25 फीसदी सीट आरटीई के लिए सुरक्षित रखने लगे. यह सिलसिला चलता रहा.

RTE के तहत जल्द भुगतान की मांग : सूरजपुर जिले में अव्यवस्थाओं के कारण लगभग सभी स्कूलों का 3 साल से आरटीई का भुगतान नहीं हुआ है. जिसको लेकर स्कूल संचालक हमेशा इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से और जनप्रतिनिधियों से करते रहे. लेकिन आज तक इसका कोई हल नहीं निकला. अंत में स्कूल संचालक आज एक दिवसीय धरना देकर शासन को अवगत कराने पहुंचे. पिछले 3 साल का भुगतान नहीं होने पर स्कूल संचालकों ने उग्र आंदोलन की बात कही है.

सूरजपुर में स्कूल संचालकों का प्रदर्शन

सूरजपुर: कोरोना काल के बाद से ही सूरजपुर के निजी स्कूल संचालक आरटीई के तहत राशि के भुगतान की मांग (Demand for payment of amount under RTE) करते आ रहे हैं. ऐसे में सौ से ज्यादा निजी स्कूल संचालक आज धरना प्रदर्शन कर राशि भुगतान की मांग की है. वहीं राशि भुगतान नहीं होने के स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

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आरटीई क्या है: वह गरीब बच्चे जो प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ पा रहे थे. उनको देखते हुए संविधान में संशोधन करते हुए ऐसे बच्चे जो अति गरीब होते हैं उनके लिए एक बिल लाया गया जिसे आरटीई का नाम दिया गया. जिसका मतलब होता है शिक्षा पर सबका अधिकार यह बिल 2009 में लाया गया था. जिसके बाद से ही देश भर में आरटीई में गरीब बच्चों का दाखिला मिलने लगा और बच्चे अब प्राइवेट स्कूलों में भी पढ़ने लगे. जिससे शिक्षा की गुणवत्ता भी बड़ी और स्कूल संचालक भी अपने स्कूल के सीट में से 25 फीसदी सीट आरटीई के लिए सुरक्षित रखने लगे. यह सिलसिला चलता रहा.

RTE के तहत जल्द भुगतान की मांग : सूरजपुर जिले में अव्यवस्थाओं के कारण लगभग सभी स्कूलों का 3 साल से आरटीई का भुगतान नहीं हुआ है. जिसको लेकर स्कूल संचालक हमेशा इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से और जनप्रतिनिधियों से करते रहे. लेकिन आज तक इसका कोई हल नहीं निकला. अंत में स्कूल संचालक आज एक दिवसीय धरना देकर शासन को अवगत कराने पहुंचे. पिछले 3 साल का भुगतान नहीं होने पर स्कूल संचालकों ने उग्र आंदोलन की बात कही है.

Last Updated : Dec 13, 2022, 4:25 PM IST
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