सूरजपुर : छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होने के बाद दिसंबर महीने में सूरजपुर जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को जनपद सभाकक्ष में वोटिंग हुई. जिसमें जनपद अध्यक्ष को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. अब 11 जनवरी गुरुवार को जनपद उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा.
अध्यक्ष को हटाने के समर्थन में 21 मत पड़े : आपको बता दें कि सूरजपुर जनपद पंचायत में 25 सदस्य हैं. जिसमें से करीब 22 सदस्य अध्यक्ष उपाध्यक्ष के कार्यशैली से नाराज चल रहे थे. जिसके बाद बीते 15 दिसंबर को जनपद सदस्यों ने सामूहिक रूप से कलेक्टर से सामने अविश्वास प्रस्ताव लाने का आवेदन दिया. जिसे लेकर जनपद पंचायत सूरजपुर कार्यालय में जनपद सदस्यों ने अपना वोट डाला. 25 सदस्यों में से 23 सदस्य उपस्थित थे. 21 मत अध्यक्ष के विरोध में पड़े.
क्या है जनपद सदस्यों का आरोप : जनपद सदस्यों का आरोप है कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष आपास में मिलीभगत कर शासकीय राशि के आवंटन में अपनी मनमानी कर भेदभाव कर रहे थे. कई बार के समझाईश देने के बाद भी दोनों ने अपनी मनमानी की.इसके पहले भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था.लेकिन कांग्रेस सरकार होने की वजह से मान मनौव्वल करके मामला शांत कराया गया था.लेकिन प्रदेश में सत्ता बदलते ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया.जिसमें अध्यक्ष को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी.
वहीं दूसरी ओर जनपद अध्यक्ष जलाल देहाती ने खुद ही सोशल मीडिया और लेटर हेड के माध्यम से इस्तीफा देने की बात कही है.वहीं उपाध्यक्ष जगलाल सिंह ने सोमवार को इस्तीफा देने की बात कही थी.लेकिन गुरुवार को उपाध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी.