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सूरजपुर: इन युवाओं की वजह से जिला अस्पताल में मरीज के घरवाले भूखे पेट नहीं सोते

सूरजपुर के जिला अस्पताल में मरीजों का इलाज कराने आए परिजनों के लिए नेचर क्लब मुफ्त में भोजन करा रहा है. कोरोना काल और लॉकडाउन के बाद से नेचर क्लब ने इस मुहिम की शुरूआत की है. क्लब के सदस्य का कहना है कि गरीब मरीजों के परिजनों को पैसे के अभाव में रात को भूखे ही रहना पड़ता था. ऐसे में इन गरीबों की सुध लेने वाला कोई नहीं था. इसलिए मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को नेचर क्लब की तरफ से खाना खिलाया जाता है.

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सूरजपुर नेचर क्लब
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Published : Nov 12, 2020, 2:13 PM IST

सूरजपुर: किसी भूखे को भोजन कराना किसी पुण्य से कम नहीं है. ये नेक काम कर रहे हैं सूरजपुर के युवा. युवाओं की ये टोली पिछले 9 महीने से जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिवारवालों को हर रात खान खिलाती है. ग्रामीण जिले के दूरस्थ इलाकों से इलाज कराने आते हैं. कैंटीन में खाने की परेशानी और पैसों की कमी की वजह से कई बार परिजन को खाली पेट सोना पड़ता था. ऐसे में नगरपालिका की मदद से 8 से 10 युवाओं की इस टीम ने ये नेक काम शुरू कर दिया.

नेचर क्लब में मुफ्त में कराया रहा भोजन

युवा खुद पैसे इकट्ठा करते हैं और जिला अस्पताल में मरीजों के परिजनों को भोजन करा कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं. नेचर क्लब के सदस्यों का कहना है कि गरीब मरीजों के परिजनों को पैसे के अभाव में रात को भूखे ही रहना पड़ता था. इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था इसलिए उन्होंने ये काम शुरू किया.

पढ़ें- राजनांदगांव: ग्रामीण इलाकों में पैर पसारने लगा कोरोना, 8 ब्लॉकों से 88 मरीजों की पहचान


मार्च के महीने के बाद से अबतक कोई भूखा पेट नहीं सोया

नेचर क्लब ने जिला अस्पताल में अपनी मुहिम शुरू की थी. मार्च के महीने से कोरोना का कहर बरपा और फिर लॉकडाउन लग गया. क्लब के सदस्यों ने बताया कि कोरोना में परेशानी और बढ़ गई. लेकिन उन्होंने मार्च से अपनी मुहिम को रुकने नहीं दिया. कोरोना काल में भी जिला अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजनों को कभी भी भूखे पेट सोने की नौबत नहीं आई. जिला अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारी भी नेचर क्लब की सराहना करते नहीं थक रहे हैं. ये युवा वाकई मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं.

सूरजपुर: किसी भूखे को भोजन कराना किसी पुण्य से कम नहीं है. ये नेक काम कर रहे हैं सूरजपुर के युवा. युवाओं की ये टोली पिछले 9 महीने से जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिवारवालों को हर रात खान खिलाती है. ग्रामीण जिले के दूरस्थ इलाकों से इलाज कराने आते हैं. कैंटीन में खाने की परेशानी और पैसों की कमी की वजह से कई बार परिजन को खाली पेट सोना पड़ता था. ऐसे में नगरपालिका की मदद से 8 से 10 युवाओं की इस टीम ने ये नेक काम शुरू कर दिया.

नेचर क्लब में मुफ्त में कराया रहा भोजन

युवा खुद पैसे इकट्ठा करते हैं और जिला अस्पताल में मरीजों के परिजनों को भोजन करा कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं. नेचर क्लब के सदस्यों का कहना है कि गरीब मरीजों के परिजनों को पैसे के अभाव में रात को भूखे ही रहना पड़ता था. इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था इसलिए उन्होंने ये काम शुरू किया.

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मार्च के महीने के बाद से अबतक कोई भूखा पेट नहीं सोया

नेचर क्लब ने जिला अस्पताल में अपनी मुहिम शुरू की थी. मार्च के महीने से कोरोना का कहर बरपा और फिर लॉकडाउन लग गया. क्लब के सदस्यों ने बताया कि कोरोना में परेशानी और बढ़ गई. लेकिन उन्होंने मार्च से अपनी मुहिम को रुकने नहीं दिया. कोरोना काल में भी जिला अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजनों को कभी भी भूखे पेट सोने की नौबत नहीं आई. जिला अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारी भी नेचर क्लब की सराहना करते नहीं थक रहे हैं. ये युवा वाकई मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं.

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