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कोविड 19ः जामा मस्जिद मुस्लिम कमेटी की अपील, ईद के पैसों के करें लोगों की मदद - सूरजपुर टोटल लॉकडाउन

रमजान पर सूरजपुर जामा मस्जिद मुस्लिम कमेटी ने लोगों से जरूरतमंद की मदद करने की अपील की है. वहीं सदर शाहिद सिद्दीकी ने लोगों से संकट की घड़ी में प्रशासन का सहयोग करने की बात कही है.

Muslim Committee appealed
मुस्लिम कमेटी ने की अपील
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Published : May 16, 2020, 11:10 AM IST

Updated : May 16, 2020, 4:09 PM IST

सूरजपुर: जामा मस्जिद मुस्लिम कमेटी ने लोगों से ईद पर जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की है. साथ ही जो लोग इस महामारी में अपनी जान गवा चुके हैं उन्हें श्रद्धांजलि दी है. सूरजपुर जामा मस्जिद मुस्लिम कमेटी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से ईद के त्यौहार पर जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की है. सदर शाहिद सिद्दीकी ने लोगों से आपसी भाईचारे की मिसाल पेश कर संकट की घड़ी में प्रशासन का सहयोग करने की बात कही है.

मुस्लिम कमेटी ने की लोगों से अपील

मुस्लिम कमेटी के सदर शाहिद सिद्दीकी ने बताया कि जिले के सभी मस्जिदों के सदर और इमाम से यह गुजारिश की गई है, कि सभी मस्जिदों में यह ऐलान कर दिया जाए की इस ईद के त्यौहार पर कोई भी व्यक्ति नए कपड़े और जेवर न खरीदे, बल्कि उन्हीं पैसों से जरूरमंदों की मदद करें. क्योंकि देश में कोरोना महामारी फैली हुई है. गरीब लोग खाने-पीने की चीजें नहीं खरीद पा रहे हैं, उनकी मदद कर भाईचारे की मिसाल पेश की जाए.

इफ्तार और सेहरी का महत्व

रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे 29 या 30 दिनों तक रोजा रखते हैं. रमजान का रोजा सुबह सूरज निकलने से पहले शुरू होता है और शाम को सूरज ढलने पर खोला जाता है. रमजान में रोजा, इफ्तार और सेहरी का विशेष महत्व है. सेहरी सुबह सूरज निकलने से पहले खाने-पीने को कहते हैं. वहीं इफ्तार, शाम को रोजा खोलने को कहा जाता है. वहीं रमजान के 29 या 30 दिन के रोजे रखने के बाद ईद का त्यौहार मनाया जाता है, जिसे ईद-उल-फितर या मीठी ईद कहा जाता है.

पढ़ें: लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का धार्मिक भाग नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट

वहीं कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार रमजान में इफ्तार और सेहरी के व्यंजनों में इम्युनिटी पर ध्यान दिया जा रहा है. ऐसे भोजन पर जोर दिया जा रहा है, जिससे की इम्युनिटी सिस्टम ठीक रहे.

सूरजपुर: जामा मस्जिद मुस्लिम कमेटी ने लोगों से ईद पर जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की है. साथ ही जो लोग इस महामारी में अपनी जान गवा चुके हैं उन्हें श्रद्धांजलि दी है. सूरजपुर जामा मस्जिद मुस्लिम कमेटी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से ईद के त्यौहार पर जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की है. सदर शाहिद सिद्दीकी ने लोगों से आपसी भाईचारे की मिसाल पेश कर संकट की घड़ी में प्रशासन का सहयोग करने की बात कही है.

मुस्लिम कमेटी ने की लोगों से अपील

मुस्लिम कमेटी के सदर शाहिद सिद्दीकी ने बताया कि जिले के सभी मस्जिदों के सदर और इमाम से यह गुजारिश की गई है, कि सभी मस्जिदों में यह ऐलान कर दिया जाए की इस ईद के त्यौहार पर कोई भी व्यक्ति नए कपड़े और जेवर न खरीदे, बल्कि उन्हीं पैसों से जरूरमंदों की मदद करें. क्योंकि देश में कोरोना महामारी फैली हुई है. गरीब लोग खाने-पीने की चीजें नहीं खरीद पा रहे हैं, उनकी मदद कर भाईचारे की मिसाल पेश की जाए.

इफ्तार और सेहरी का महत्व

रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे 29 या 30 दिनों तक रोजा रखते हैं. रमजान का रोजा सुबह सूरज निकलने से पहले शुरू होता है और शाम को सूरज ढलने पर खोला जाता है. रमजान में रोजा, इफ्तार और सेहरी का विशेष महत्व है. सेहरी सुबह सूरज निकलने से पहले खाने-पीने को कहते हैं. वहीं इफ्तार, शाम को रोजा खोलने को कहा जाता है. वहीं रमजान के 29 या 30 दिन के रोजे रखने के बाद ईद का त्यौहार मनाया जाता है, जिसे ईद-उल-फितर या मीठी ईद कहा जाता है.

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वहीं कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार रमजान में इफ्तार और सेहरी के व्यंजनों में इम्युनिटी पर ध्यान दिया जा रहा है. ऐसे भोजन पर जोर दिया जा रहा है, जिससे की इम्युनिटी सिस्टम ठीक रहे.

Last Updated : May 16, 2020, 4:09 PM IST
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