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आरटीई के तहत अब तक नहीं हुआ भुगतान, प्राइवेट स्कूलों का 750 करोड़ बकाया

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Published : Feb 4, 2020, 11:02 AM IST

Updated : Feb 4, 2020, 7:24 PM IST

राइट टू एजुकेशन (आरटीई) कानून को लेकर एक बार फिर सरकार की लापरवाही सामने आई है. राज्य सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को दी जाने वाली राशि का भुगतान अब तक नहीं हुआ है.

negligence of education department
संयुक्त जिला कार्यालय

सूरजपुर: सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा का अधिकार देने के लिए राइट टू एजुकेशन (आरटीई) स्कीम लाई थी. इसके तहत सभी प्राइवेट स्कूलों में गरीब छात्रों के लिए 25 फीसदी सीटों पर एडमिशन देने का प्रावधान किया गया है, लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से तीन, चार साल से निजी स्कूलों को आरटीई के तहत भुगतान नहीं किया गया है.

प्राइवेट स्कूलों का 750 करोड़ बकाया

स्कूलों को नहीं हुआ भुगतान
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में लाखों बच्चे शिक्षा ले रहे हैं. इस छात्रों की फीस का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया जाना है, लेकिन विभाग से राशि आवंटन भेजे जाने के बाद भी सूरजपुर के निजी स्कूलों को डीईओ (district educational office) के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

750 करोड़ रुपये बकाया
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि शिक्षा विभाग की ओर से राशि भुगतान के बाद भी डीईओ कार्यालय से भुगतान नहीं किया जा रहा है. प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों का सरकार पर 750 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बकाया है. वहीं अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है, ऐसे में आरटीई के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों को एक बार फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

जल्द भुगतान करने का दिया आश्वासन
इस मामले में जब ईटीवी भारत की टीम ने डीईओ उपेंद्र सिंह खसरी से बात की तो उन्होंने कहा कि 3 साल से निजी स्कूलों का भुगतान नहीं हो पाया है. शासन की ओर से ऑफिस के पास कुछ राशि आई है, लेकिन वो इतनी कम है कि समझ नहीं आ रहा कि भुगतान करें तो कैसे करें. उन्होंने जल्द स्कूलों को भुगतान करने का आश्वासन दिया है.

सूरजपुर: सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा का अधिकार देने के लिए राइट टू एजुकेशन (आरटीई) स्कीम लाई थी. इसके तहत सभी प्राइवेट स्कूलों में गरीब छात्रों के लिए 25 फीसदी सीटों पर एडमिशन देने का प्रावधान किया गया है, लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से तीन, चार साल से निजी स्कूलों को आरटीई के तहत भुगतान नहीं किया गया है.

प्राइवेट स्कूलों का 750 करोड़ बकाया

स्कूलों को नहीं हुआ भुगतान
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में लाखों बच्चे शिक्षा ले रहे हैं. इस छात्रों की फीस का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया जाना है, लेकिन विभाग से राशि आवंटन भेजे जाने के बाद भी सूरजपुर के निजी स्कूलों को डीईओ (district educational office) के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

750 करोड़ रुपये बकाया
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि शिक्षा विभाग की ओर से राशि भुगतान के बाद भी डीईओ कार्यालय से भुगतान नहीं किया जा रहा है. प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों का सरकार पर 750 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बकाया है. वहीं अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है, ऐसे में आरटीई के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों को एक बार फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

जल्द भुगतान करने का दिया आश्वासन
इस मामले में जब ईटीवी भारत की टीम ने डीईओ उपेंद्र सिंह खसरी से बात की तो उन्होंने कहा कि 3 साल से निजी स्कूलों का भुगतान नहीं हो पाया है. शासन की ओर से ऑफिस के पास कुछ राशि आई है, लेकिन वो इतनी कम है कि समझ नहीं आ रहा कि भुगतान करें तो कैसे करें. उन्होंने जल्द स्कूलों को भुगतान करने का आश्वासन दिया है.

Intro:शिक्षा विभाग के लापरवाही के चलते निजी विद्यालयों का आरटीई का भुगतान आधारशिला पर लटका हुआ है 750 करोड़ से ज्यादा का बकाया


Body:बताया जाता है कि संचनालय से राशि का आवंटन भेजे जाने के बाद सूरजपुर शिक्षा विभाग के द्वारा निजी स्कूलों के भुगतान के लिए डीईओ ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है मिली जानकारी के अनुसार निजी विद्यालय में पढ़ने वाले गरीब बच्चों का दाखिला प्रत्येक वर्ष प्रथम कक्षा में 25% दाखिला देना अनिवार्य है जिसके तहत निजी विद्यालयों ने प्रथम कक्षा में सुविधा अनुसार 25% गरीबी रेखा के नीचे यापन करने वाले बच्चों का दाखिला दिया जाता है जिसका भुगतान 3 से 4 वर्षों से लेकर अब तक निजी स्कूलों को नहीं दिया गया है विद्यालय ने बताया कि पूर्व राशि का भुगतान प्रदेश के शिक्षा विभाग से किए जाने के बाद भी डीईओ कार्यालय पता नहीं क्यों विद्यालय को भुगतान नहीं कर रहे हैं वहीं जब ईटीवी भारत की टीम डी ई ओ से बात किया दो उन्होंने यह तो माना कि 3 वर्षों से निजी स्कूलों का भुगतान नहीं हो पाया है लेकिन कुछ राशि डी ओ ऑफिस के पास आया है और जल्द ही स्कूलों का भुगतान कर दिया जाएगा उन्होंने यह भी बताया कि भुगतान कितना कम है कि हमें समझ नहीं आ रहा है कि भुगतान कैसे करें आपको बता दें की जिला सूरजपुर के निजी स्कूलों का शासन के ऊपर 750 करोड़ के ऊपर की राशि का कर्ज़ राज्य शासन के ऊपर है आगामी नया सत्र चालू होने वाला है जिसमें निजी स्कूल संचालक आरटीई के तहत प्रवेश को लेकर हंगामा कर सकते हैं बाईट - उपेंद्र सिंह खसरी


Conclusion:
Last Updated : Feb 4, 2020, 7:24 PM IST
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