सूरजपुर: प्रतापपुर विकासखंड में 19 लाख रुपए की लागत से बनी पुष्प वाटिका की स्थिति काफी दयनीय है. प्रतापपुर नगर वासियों को पुष्प वाटिका की सौगात 2014 में ही मिल गई थी, लेकिन आजतक उस पुष्प वाटिका में ना ही किसी प्रकार का कोई पष्प लगाया गया और ना ही कोई वाटिका. जिसके कारण वहां रह लोगों को इससे कोई लाभ मिल सका.
18 साल से प्रतापपुर वासियों की मांग थी कि शहर को पुष्प वाटिका की सौगात की जाए. जिससे वह अपने परिवार वालों और बच्चों के साथ कुछ समय वहां बिता सकें, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पुष्प वाटिका के अंदर फूलों के पौधे नहीं सिर्फ बड़े-बड़े झाड़ ही नजर आते हैं. फिलहाल अभी तक नगर पंचायत ने पुष्प वाटिका को सुंदर बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं.
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धरातल की कुछ और ही तस्वीर है
विकासखंड के एक छोटे से हिस्से में इसकी स्वीकृति तो मिल गई, लेकिन धरातल पर इसका कोई अस्तित्व नहीं है. लोगों का कहना है कि, वाटिका के अंदर बैठना तो दूर, यहां चलना भी मुश्किल है, अंदर सिर्फ बड़े-बड़े झाड़ ही मौजूद हैं. लोगों ने कहा कि, इसका डिजाइन और बनावट भी समझ से परे हैं. इसके बनने के पीछे कई कारण थे. पुष्प वाटिका में घूमने के लिए आने वाले लोगों को पुष्प वाटिका से सीधे तालाब दिख सके.
जल्द विकसित हो पुष्प वाटिका
लेकिन चारों तरफ से दीवार होने की वजह से इसकी सुंदरता खत्म हो गई है. जानकारों के अनुसार तालाब की ओर मौजूद दीवार को तोड़कर वहां जाली लगई जाएगी, जिससे एक बार फिर से पैसे खर्च होंगे. फिलहाल लोगों की मांग है कि पुष्प वाटिका को जल्द विकसित करें. जिससे प्रतापपुर के लोगों को एक सुंदर उद्यान मिल सके.