सूरजपुर: जिले के गठन के बाद से यहां के वनांचलों और दूरस्थ इलाकों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने की वजह से यहां रहने वाले ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सूरजपुर में मध्यप्रदेश की सीमा से सटे बैजनपाठ गांव में सड़क व्यवस्था की सुविधा नहीं होने का खामियाजा एक दिव्यांग महिला और उसके नवजात बच्चे को भुगतना पड़ा. परिजनों ने पीड़ित महिला को कांवर में लादकर 15 किलोमीटर का सफर तय किया और अस्पताल पहुंचाया. पहाड़ी इलाकों में विकास की राह ताकते ये लोग जान से खेलकर अपनो की जान बचाते हैं.
4 अगस्त को महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, पहुंचविहिन क्षेत्र होने के कारण गर्भवती महिला को उसके परिजनों ने उफनती नदी पार कराकर मध्यप्रदेश पहुंचाया. यहां प्रसूता का सुरक्षित प्रसव कर लिया गया था. जिसके बाद जच्चा-बच्चा दोनों ही घर लौट आए थे. घर आने के बाद हाल ही में महिला की तबियत फिर बिगड़ी, जिसके बाद परिजन उसे झेलगी से लेकर बिहारपुर के अस्पताल आ रहे थे. करीब 15 किलोमीटर चलने के बाद वे महुली गांव पहुंचे. इसकी जानकारी बिहारपुर अस्पताल प्रबंधन को हुई, जिसके बाद महिला के लिए एंबुलेंस भेजा गया. एंबुलेंस की मदद से महिला को इलाज के लिए बिहारपुर अस्पताल लाया गया.
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बिहारपुर अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि इस मामले में स्वास्थ्य टीम को गांव भेजा गया है, ताकि महिला को जरूरत की दवा उपलब्ध कराई जा सके.