सूरजपुर: अम्बिकापुर बनारस मार्ग के भैसामुण्डा के महान नदी में 60 साल पहले पुल का निर्माण किया गया था. साल 2016 में भारी बारिश के कारण पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. पुराने पद्धति से बने पुल की मरम्मत भी प्रशासन ने सही तरीके से नहीं किया. इस पुल पर रोजाना हजारों भारी वाहन गुजरते हैं और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. ऐसे में सेतु विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नवीन पुल के लिए शासन स्तर पर पहल की जा रही है.वहीं पुराने पुल के मरम्मत के लिए काम जल्द ही शुरू की जायेगी.
किसी भी वक्त हो सकता है बड़ा हादसा: स्थानीय लोगों का कहना है कि "यह पुल 1965 बना था, जोकि पुरानी पद्धति से बना है. इसके साथ जितने भी पुल बने थे, वह सब टूट चुके हैं और कई टूटने के कगार पर हैं. यह पुल अभी भी चल रहा है. लेकिन 2016 के बरसात में जो बाढ़ आया था, उसके कारण इसके पिलर हिल गए और इसमें खराबी आ गई. जिसके कारण जब बड़ी गाड़ियां इस से गुजरती है, तो पुल हिलने लगता है. जिसके कारण बड़े खतरे की संभावना है."
पुल टूटने की कगार पर, आवागमन होगी प्रभावित: स्थानीय लोगों का कहना है कि "यह पुल अंबिकापुर बनारस मार्ग पर बना हुआ है, जो छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार को जोड़ती है. अगर समय रहते इसका मरम्मत या नया पुल नहीं बनता है, तो एक बड़ा हादसा हो सकता है और आवागमन भी प्रभावित होगी." स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द इस पुल को रिपेयर करा कर नए पुल की स्वीकृति कराएं और जल्द नया पुल बनाया जाये.
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क्या कहते हैं अधिकारी: सेतु विभाग के अधिकारी का कहना है कि "यह पुल संयुक्त मध्यप्रदेश के समय का पुल बना हुआ है. 2016 के बाढ़ की वजह से पुल का बेरिंग ढह गया है, जिसके कारण भारी वाहन इस पुल से जब गुजरता है, तो पुल में कंपन होता है. ऊपर तो रिपेयर किया जा सकता है, लेकिन पुरानी पद्धति के कारण इस पुल और खंभों के बीच दूरी ना होने के कारण हम लोग इसका बैरिंग चेंज नहीं कर पा रहे हैं. जिस कारण से रिपेयरिंग होना संभव नहीं है. हमने राज्य शासन को इसकी जानकारी दे दी है और नए पुल निर्माण के लिए स्वीकृति मांगी है."