सूरजपुर: कोरोना का नया स्ट्रेन सामने आने के बाद कोरोना का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है. हालांकि कोरोना से बचाव के लिए देश में वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में है. माना जा रहा है कि नए साल में कोरोना वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी. छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण को लेकर तैयारियां की जा रही हैं. शुक्रवार को कलेक्टर रणवीर शर्मा की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की बैठक ली गई.
कलेक्टर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के पहले चरण के टीकाकरण में फ्रंटलाइन वॉरियर्स को प्राथमिकता दी है. इसमें पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी जैसे तमाम लोगों के नाम शामिल किए गए हैं. बैठक के दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों को वैक्सीन के भंडारण के लिए बनाए गए कोल्ड चैन पॉइंट का निरीक्षण कर कमी को दूर करने के निर्देश दिए हैं.
जिले में कोरोना के आंकड़े
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कोविड-19 वैक्सीन आने से पहले जिले स्तर पर भंडारण करने और तैयारियों को लेकर साप्ताहिक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. सूरजपुर में हर दिन कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. बदलते मौसम के साथ संक्रमण का खतरा और भी बढ़ गया है. जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने चिंता जाहिर की है. जिले में अब तक कोरोना टेस्ट के लिए 16 लाख 11 हजार 64 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है. अब तक कुल 5 हजार 207 पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है, जिसमें 4 हजार 118 मरीजों को ठीक होने के बाद स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. जिले में कोरोना से अब तक 33 मरीजों की मौत भी हो चुकी है.
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फ्रंटलाइन वॉरियर को दी जाएगी प्राथमिकता
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि छत्तासगढ़ में टीकाकरण के पहले चरण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोरोना के पहले चरण के टीकाकरण के लिए करीब 2 लाख स्वास्थ्यकर्मियों की लिस्ट तैयार की गई है. पहले चरण के टीकाकरण में फ्रंटलाइन वॉरियर को प्राथमिकता दी गई है. इसमें पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी के तमाम लोगों के नाम शामिल किया गया है.
वैक्सीन को लेकर एक लंबी गाइडलाइन
कोरोना वैक्सीन के लिए फ्रंटलाइन मेबर के मुताबिक दो लाख वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश में 630 कोल्डचेन पॉइंट है. केंद्र सरकार की तरफ से यहां 80 केंद्र और बनाने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके लिए अब तक किसी तरह के उपकरण प्रदेश को नहीं मिल पाए हैं. स्वास्थ विभाग की सबसे बड़ी दिक्कत मिलने वाली व्यक्तियों की संख्या और इसके उपयोग के तरीकों को लेकर है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाई है कि किसी व्यक्ति को वैक्सीन के कितनी डोज और किस प्रक्रिया के तहत लगाए जाएंगे. जब वैक्सीन प्रदेश तक पहुंचेगी तो उसके साथ ही एक लंबी गाइडलाइन भी प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के लिए दी जाएगी.
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वैक्सीन के लिए डीप फ्रीजर का होगा उपयोग
प्रदेश के किसी भी तरह की वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए आईआईआर और डीप फ्रीजर का उपयोग किया जाता है. आईआईआर में दो से 8 डिग्री तक के तापमान में 1 महीने तक वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सकता है. वहीं डीप फ्रीजर में माइनस 15 से 28 डिग्री के तापमान में लंबे समय तक वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सकता है. कोविड-19 का नेचर कैसा होगा यह स्पष्ट नहीं है. राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग वैक्सीन के नेचर को देखते हुए तैयारी करेगा.