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सूरजपुर में नाबालिग की निकलने वाली थी बारात, बाल संरक्षण टीम ने रुकवाई शादी

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Published : May 26, 2021, 1:21 PM IST

Updated : May 26, 2021, 4:21 PM IST

सूरजपुर में लॉकडाउन के दौरान बाल विवाह की संख्या बढ़ गई है. सोमवार को बाल संरक्षण टीम नगर पंचायत जरही में बाल विवाह की तैयारी कर रहे घर में पहुंची, जहां नाबालिग लड़के की शादी रुकवाई गई.

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बाल विवाह रुकवाने पहुंची टीम

सूरजपुर : बाल विवाह 21वीं सदी में अभिशाप की तरह है. लेकिन अभी भी ये कुरीति खत्म नहीं हुई है. लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जागरूकता के अभाव में लोग कम उम्र में अपने बच्चों का विवाह करने के लिए तैयार हो जाते हैं. सूरजपुर जिला प्रदेश के आदिवासी जिलों में से एक है. यहां बाल विवाह की सूचना बाल संरक्षण इकाई को मिलती रहती है. विभाग भी बाल विवाह रोकने के लिए मुस्तैद है. टीम ने जरही नगर पंचायत में चल रहे बाल विवाह की तैयारी को रुकवाया और परिजनों को सख्त हिदायत भी दी.

रुकवाया गया बाल विवाह

सूरजपुर में 31 मई तक लॉकडाउन किया गया है. इस दौरान शादी समारोह भी प्रतिबंधित है. ग्रामीण इलाकों में प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन कर लगातार शादी समारोह आयोजित किए जा रहे हैं. सोमवार को नगर पंचायत जरही से सूचना मिली कि नाबालिग लड़के की शादी की तैयारी गांव में चल रही है. मंगलवार को बारात अंबिकापुर जाने वाली थी. बाल संरक्षण विभाग इकाई को जानकारी मिली कि लड़की भी नाबालिग है. टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर सूचना की पुष्टि की. शादी समारोह को रुकवाकर परिजनों को समझाइश दी.

कोरबा: महिला एवं बाल विकास विभाग ने रुकवाया बाल विवाह

बाल संरक्षण की टीम को देखकर परिजनों ने शादी की बात से इनकार कर दिया. लड़के के पिता ने बताया कि परिजनों के विरोध के बाद भी लड़का शादी की जिद कर रहा था. इस वजह से विवाह की तैयारी की जा रही थी. हालांकि टीम की समझाइश के बाद परिजनों ने लड़के के बालिग होने के बाद ही उसकी शादी कराए जाने की बात कही है. भारत के कानून के अनुसार, लड़के की शादी 21 साल और लड़की की शादी 18 साल से पहले नहीं कराई जा सकती है.

एक महीने में रुकवाए गए 33 बाल विवाह

एक ओर ग्रामीणों को जागरूक करने का प्रयास प्रशासन कर रहा है, तो वहीं ग्रामीण इलाकों से बाल विवाह जैसे मामले सामने आते रहते हैं. बाल संरक्षण की टीम ने नगर पंचायत जरही में बाल विवाह रुकवाकर परिजनों को सख्त निर्देश दिए हैं. बाल विवाह कराए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. जिले में लॉकडाउन के दौरान लगातार बाल विवाह की शिकायत टीम के पास आ रही है. टीम ने बीते एक महीने में कुल 33 बाल विवाह रुकवाए हैं.

बेमेतरा में अधिकारियों ने रुकवाया बाल विवाह

बाल विवाह ऐसी सामाजिक कुरीति है, जिसका व्यक्ति के सामाजिक और शारीरिक जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. बाल विवाह व्यक्ति की मानसिक दशा को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है.

सूरजपुर : बाल विवाह 21वीं सदी में अभिशाप की तरह है. लेकिन अभी भी ये कुरीति खत्म नहीं हुई है. लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जागरूकता के अभाव में लोग कम उम्र में अपने बच्चों का विवाह करने के लिए तैयार हो जाते हैं. सूरजपुर जिला प्रदेश के आदिवासी जिलों में से एक है. यहां बाल विवाह की सूचना बाल संरक्षण इकाई को मिलती रहती है. विभाग भी बाल विवाह रोकने के लिए मुस्तैद है. टीम ने जरही नगर पंचायत में चल रहे बाल विवाह की तैयारी को रुकवाया और परिजनों को सख्त हिदायत भी दी.

रुकवाया गया बाल विवाह

सूरजपुर में 31 मई तक लॉकडाउन किया गया है. इस दौरान शादी समारोह भी प्रतिबंधित है. ग्रामीण इलाकों में प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन कर लगातार शादी समारोह आयोजित किए जा रहे हैं. सोमवार को नगर पंचायत जरही से सूचना मिली कि नाबालिग लड़के की शादी की तैयारी गांव में चल रही है. मंगलवार को बारात अंबिकापुर जाने वाली थी. बाल संरक्षण विभाग इकाई को जानकारी मिली कि लड़की भी नाबालिग है. टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर सूचना की पुष्टि की. शादी समारोह को रुकवाकर परिजनों को समझाइश दी.

कोरबा: महिला एवं बाल विकास विभाग ने रुकवाया बाल विवाह

बाल संरक्षण की टीम को देखकर परिजनों ने शादी की बात से इनकार कर दिया. लड़के के पिता ने बताया कि परिजनों के विरोध के बाद भी लड़का शादी की जिद कर रहा था. इस वजह से विवाह की तैयारी की जा रही थी. हालांकि टीम की समझाइश के बाद परिजनों ने लड़के के बालिग होने के बाद ही उसकी शादी कराए जाने की बात कही है. भारत के कानून के अनुसार, लड़के की शादी 21 साल और लड़की की शादी 18 साल से पहले नहीं कराई जा सकती है.

एक महीने में रुकवाए गए 33 बाल विवाह

एक ओर ग्रामीणों को जागरूक करने का प्रयास प्रशासन कर रहा है, तो वहीं ग्रामीण इलाकों से बाल विवाह जैसे मामले सामने आते रहते हैं. बाल संरक्षण की टीम ने नगर पंचायत जरही में बाल विवाह रुकवाकर परिजनों को सख्त निर्देश दिए हैं. बाल विवाह कराए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. जिले में लॉकडाउन के दौरान लगातार बाल विवाह की शिकायत टीम के पास आ रही है. टीम ने बीते एक महीने में कुल 33 बाल विवाह रुकवाए हैं.

बेमेतरा में अधिकारियों ने रुकवाया बाल विवाह

बाल विवाह ऐसी सामाजिक कुरीति है, जिसका व्यक्ति के सामाजिक और शारीरिक जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. बाल विवाह व्यक्ति की मानसिक दशा को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है.

Last Updated : May 26, 2021, 4:21 PM IST
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