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सूरजपुर: कोरोना गाइडलाइन के बीच मनाई जाएगी छठ पूजा, इन बातों की रखें ध्यान

सूरजपुर में कोरोना वायरस के मद्देनजर छठ पर्व मनाने के लिए कई गाइडलाइंस जारी किए गए हैं. 60 साल से ऊपर के व्यक्ति और 10 साल से कम के बच्चों को छठ घाटों पर न ले जाने की सलाह दी गई है. साथ ही छठ घाट पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने की अपील की गई है.

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कोरोना गाइडलाइन के बीच मनाई जाएगी छठ पूजा
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Published : Nov 19, 2020, 5:50 PM IST

सूरजपुर: जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच छठ पूजा करने की इजाजत दे दी है. सूरजपुर जिला प्रशासन ने छठ पूजा समिति को कोरोना के बीच कई गाइडलाइंस भी जारी किए हैं. इसमें कोरोना वायरस से बचने के लिए सारे नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है. प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद रेड नदी में छठ घाट की तैयारी पूरी कर ली गई है.

महिमा छठी माई केः छठ के दूसरे दिन से शुरू होता है 36 घंटे का उपवास, जानिए खरना की विधि

जिला प्रशासन ने कोरोना काल के बीच दिवाली के छठे दिन निर्धारित सुरक्षा मानकों के को ध्यान रखते हुए अनुमति दी है. प्रशासन ने निर्धारित स्थल पर छठ पर्व मनाने की अनुमति दी है. रेणुका छठ घाट पर सुरक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.

गुड़ डालकर खीर तैयार की जाती है

सूर्य उपासना के इस पर्व पर निर्जला उपवास रखा जाता है. खरना के दिन परवैतिन दिनभर उरवास करती हैं. शाम को परवैतिन पहले से तैयार मिट्टी के चूल्हे की पूजा कर अग्नि देव का आह्वान करती हैं. आम की लकड़ी में कपूर रखकर अग्नि जलाती हैं. इसी तरह मिष्ठान से पूजा की परंपरा है. चीनी को अशुद्ध माना जाता है इसलिए छठ में गुड़ का ही उपयोग होता है. कांसा, पीतल या मिट्टी के बर्तन में गाय का दूध उबालते हैं और इसमें अरवा चावल डाल कर पकाते हैं. आखिर में गुड़ डालकर खीर तैयार की जाती है.

स्वास्थ्य विभाग ने दिए कई दिशा निर्देश

स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर लोगों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रसित व्यक्तियों को ले जाने से बचाएं. 60 साल से ऊपर के व्यक्ति और 10 साल से कम के बच्चों को छठ घाटों पर न लेकर जाएं.

सूरजपुर: जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच छठ पूजा करने की इजाजत दे दी है. सूरजपुर जिला प्रशासन ने छठ पूजा समिति को कोरोना के बीच कई गाइडलाइंस भी जारी किए हैं. इसमें कोरोना वायरस से बचने के लिए सारे नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है. प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद रेड नदी में छठ घाट की तैयारी पूरी कर ली गई है.

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गुड़ डालकर खीर तैयार की जाती है

सूर्य उपासना के इस पर्व पर निर्जला उपवास रखा जाता है. खरना के दिन परवैतिन दिनभर उरवास करती हैं. शाम को परवैतिन पहले से तैयार मिट्टी के चूल्हे की पूजा कर अग्नि देव का आह्वान करती हैं. आम की लकड़ी में कपूर रखकर अग्नि जलाती हैं. इसी तरह मिष्ठान से पूजा की परंपरा है. चीनी को अशुद्ध माना जाता है इसलिए छठ में गुड़ का ही उपयोग होता है. कांसा, पीतल या मिट्टी के बर्तन में गाय का दूध उबालते हैं और इसमें अरवा चावल डाल कर पकाते हैं. आखिर में गुड़ डालकर खीर तैयार की जाती है.

स्वास्थ्य विभाग ने दिए कई दिशा निर्देश

स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर लोगों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रसित व्यक्तियों को ले जाने से बचाएं. 60 साल से ऊपर के व्यक्ति और 10 साल से कम के बच्चों को छठ घाटों पर न लेकर जाएं.

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